क्या आपको पता है निराकार और साकार श्रृंगार का महत्व? खास वि

शुभम मरमट/उज्जैन : विश्व प्रसिद्ध बाबा महाकाल के दरबार में आये दिन आस्था का सैलाब देखने को मिलता है. दूर दूर से श्रद्धालु बाबा महाकाल का दर्शन करने आते है, प्रतिदिन लाखों की संख्या में भक्तों का यहां तांता लगा रहता है. महाकाल बाबा को प्रतिदिन अलग अलग प्रकार के श्रृंगार व आरती होती है जो देश विदेश में प्रसिद्ध है. कौन कौन सी ये आरती हैं आइए जानते है.

दो प्रकार के श्रृंगार होते है प्रतिदिन

बाबा महाकाल के प्रतिदिन अलग अलग श्रृंगार होते है. बाबा महाकाल की भस्म आरती व अन्य आरती देश ही नहीं विदेशो मे भी प्रसिद्ध है. इसलिए आए दिन यहा भक्तों का ताता लगा रहता है . पुजारी महेश गुरूजी ने बताया कि महाकाल बाबा के 2 प्रकार के श्रृंगार होते हैं.

2 – निराकार श्रृंगार- शाम चार पांच बजे के बाद पंचामत पूजन के बाद जब साकार स्वरूप बाबा महाकाल कों दिया जाता है, तो जो भी भक्त ये श्रृंगार कराना चाहता है वो भक्त श्रृंगार का सामान दे सकते हैं. पुजारी वर्ग उस श्रृंगार को श्रृंगारित करते हैं.

पुजारी महेश गुरूजी जी ने बताया कि विश्व प्रसिद्ध बाबा महाकाल महाराज की एक अपनी परम्परा है, जो यह बरसों से चलती आ रही है. जिसमें बाबा के श्रृंगार से लेकर बाबा की आरती बाबा का महाकाल वन व उज्जैनीय नगरी देश विदेश में प्रसिद्ध है.

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