जयपुर. जयपुर एयरपोर्ट पर बीते एक महीने से यात्रियों के परेशान होने की तस्वीरें आम हो चुकी हैं. कोहरे के कारण फ्लाइट्स के लेट होने और रद्द होने का सिलसिला लगातार जारी है. सर्दियों के मौसम में उत्तर भारत के लगभग सभी एयरपोर्ट पर कोहरे के चलते फ्लाइट्स डायवर्ट हो रही है. ऐसे में यात्रियों को खासा इंतजार करना पड़ता है. फ्लाइट्स लेट होने या रद्द होने की सूरत में यात्रियों के भी अपने अधिकार होते हैं और वो ऐसे समय में अपने अधिकारों का इस्तेमाल कर सकते हैं.
पिछले एक महीने में जयपुर एयरपोर्ट पर हजारों यात्रियों को कोहरे के चलते काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. कोहरे के कारण एयरलाइंस कपंनियों ने विमानों के उड़ान में घटों की देरी की और कई बार फ्लाइट्स को अचानक रद्द कर दिया गया. यात्री फ्लाइट्स रद्द होने पर थोड़े बहुत हंगामे के बाद खामोशी से घर लौट गए. लेकिन एयरलाइंस कंपनियां जब जरुरत से ज्यादा विमानों की उड़ान में देरी करें या फिर फ्लाइट रद्द ही कर दें तो आम यात्री के पास क्या विकल्प रह जाता है.
इसका जवाब विमान कंपनियों पर लगाम रखने वाली DGCA के पास है. डीजीसीए की तरफ से यात्रियों की कई तरह की सहूलियतों दी गई है. यात्री डीजीसीए की ओर दी गई सहूलियतों का लाभ ले सकता है. यात्री डीजीसीए की तरफ से दिए गए अपने अधिकारों का इस्तेमाल करके विमान कंपनियों से उचित मुआवजा ले सकते हैं.
डीजीसीए ने ये दे रखी हैं यात्रियों को सहूलियतें
1. पूछताछ का अधिकार – इसके तहत एक आम हवाई यात्री एयरलाइन मैनेजर से पूछ सकता है कि विमान किस कारण से लेट है और कब तक उड़ान भरेगा। एयरलाइन कंपनी को यात्री को संतुष्टिजनक और जिम्मेदारी भरा जवाब देना होगा.
2. रिफ्रेशमेंट की सुविधा – अगर आपकी फ्लाइट 3 घंटे से ज्यादा लेट है तो एयरलाइंस कंपनी को यात्री को रिफ्रेशमेंट देना होगा. बोर्डिग पास दिखाने पर यात्री को ये सुविधा मिलेगी. अगर एयरलाइन कंपनी ऐसा नहीं करती है तो यात्री इसकी मांग कर सकता है.
3. छह घंटे से ज्यादा लेट होने पर- अगर आपकी फ्लाइट 6 घंटे से ज्यादा लेट है तो इसकी जानकारी एयरलाइन कंपनी को यात्री को 24 घंटे पहले देनी होगी. इसके बाद यात्री चाहे तो अपनी यात्रा का प्लान रद्द करके अपना रिफंड वापस मांग सकता है. अन्यथा दूसरी फ्लाइट में यात्री सीट की मांग कर सकता है.
4. फ्लाइट रद्द होने पर – अगर आपकी फ्लाइट को रद्द कर दिया जाता है तो इसकी सूचना भी यात्री को 24 घंटे पहले देनी होगी. अगर एयरलाइन कपंनी ऐसा नहीं करती है तो यात्री को रिफंड तो मिलेगा ही साथ ही कंपनी को 5 से 10 हजार रुपये का मुआवजा भी देना होगा.
5. शाम को फ्लाइट डिले होने पर – अगर आप देर शाम को सफर कर रहे हैं और फ्लाइट लेट पर लेट हो रही है और रि-शिड्यूल होकर फ्लाइट अगले दिन की हो गई हो तो एयरलाइन कंपनी को यात्री के लिए होटल और खाने-पीने की व्यवस्था करनी होगी. कंपनी ऐसा नहीं करती है तो यात्री इसकी मांग कर सकता है.
ये तमाम वो अधिकार हैं जो आम हवाई यात्री के लिए सुरक्षित हैं. इन सबके बारे में एयरलाइंस कंपनियां भलीभांति जानती हैं. यात्रियों को भी इन अधिकारों के बारे में पता होना चाहिए. अगर यात्री अपने अधिकारों को लेकर सचेत होंगे तो एयरलाइंस कंपनियों की मनमानी पर अंकुश लगेगा.
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FIRST PUBLISHED : January 17, 2024, 16:46 IST