कौन है वह शख्स, जिसकी ‘वजह’ से मुसीबत में फंस गई लालू यादव एंड फैमिली, क्या है आरोप

नई दिल्ली: ‘रेलवे में नौकरी के बदले जमीन’ से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच के क्रम में ईडी यानी प्रवर्तन निदेशालय ने बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और उनके पिता एवं राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रमुख लालू प्रसाद को पूछताछ के लिए तलब किया है. तेजस्वी यादव (34) को 22 दिसंबर को संघीय एजेंसी के दिल्ली कार्यालय में पेश होने के लिए कहा गया है, वहीं लालू प्रसाद (75) को अगले सप्ताह 27 दिसंबर को धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत अपने बयान दर्ज कराने के लिए पेश होने को कहा गया है. यह पहली बार है, जब लालू यादव को इस केस में समन भेजा गया है. यह समन लालू प्रसाद परिवार के एक कथित ‘करीबी सहयोगी’ अमित कात्याल से पूछताछ के बाद आया है. अमित कात्याल को ईडी ने नवंबर में गिरफ्तार किया था. कात्याल ही वह शख्स है, जिसकी पूछताछ के बाद ईडी की रडार पर लालू यादव और तेजस्वी यादव आए. हालांकि, इस मामले में ईडी 11 अप्रैल को तेजस्वी यादव से करीब आठ घंटे तक पूछताछ कर चुकी है लेकिन यह पहली बार है जब उसने लालू प्रसाद को जांच में शामिल होने के लिए समन किया है.

कब का और क्या है यह घोटाला
दरअसल, कथित घोटाला उस समय का है जब लालू प्रसाद संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग)-1 सरकार में रेल मंत्री थे. आरोप है कि 2004 से 2009 तक, भारतीय रेलवे के विभिन्न जोन में समूह ‘डी’ पदों पर कई व्यक्तियों को नियुक्त किया गया था और बदले में, इन व्यक्तियों ने अपनी जमीन तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद के परिवार के सदस्यों और एक संबंधित कंपनी ए. के. इन्फोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड को हस्तांतरित कर दी थी. ईडी ने पहले एक बयान में दावा किया था कि कात्याल इस कंपनी के निदेशक थे, जब इसने ‘लालू प्रसाद की ओर से’ अभ्यर्थियों से जमीन हासिल की थी. एजेंसी ने आरोप लगाया था, ‘कंपनी का पंजीकृत पता डी-1088, न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी, नई दिल्ली है, जो लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के सदस्यों का घर है.’

कौन हैं अम‍ित कात्‍याल?
‘रेलवे में नौकरी के बदले जमीन’ मामले में ईडी ने 11 नवंबर को अमित कात्याल को गिरफ्तार किया था. जांच एजेंसी के सूत्रों की मानें तो आरोप है क‍ि अमित कात्याल का बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और उनके पुत्र तेजस्वी यादव के साथ बहुत ही करीबी संबंध है. घोटाले से जुड़े मामले की अगर बात करें तो जमीन के बदले नौकरी देने के मामले में ईडी की तफ्तीश के दौरान रियल स्टेट कारोबारी अमित कात्याल और मेसर्स ए.के इंफोसिस्टम प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स आइसबर्ग होटल और रिजॉर्ट लिमिटेड नाम की कंपनी का नाम सामने आया था. अमित कात्याल और उनकी कंपनी से लिंक जुड़ने के बाद ही तेजस्वी यादव और उनके परिवार का नाम इस मामले में सामने आया.

ईडी ने क्या आरोप लगाया है
ईडी ने कहा, ‘लालू प्रसाद यादव जब रेल मंत्री थे, तब उनके द्वारा अनुचित लाभ पहुंचाने के बदले में अमित कात्याल ने उक्त कंपनी में कई अन्य जमीन भी ली थीं.’ ईडी के अनुसार, भूमि प्राप्त करने के बाद, उक्त कंपनी के शेयर 2014 में लालू प्रसाद के परिवार के सदस्यों को ‘हस्तांतरित’ कर दिए गए थे. पीएमएलए की आपराधिक धाराओं के तहत दर्ज किया गया ईडी का मामला केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज की गई एक शिकायत से उपजा है. लालू पप्रसाद, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव को इस मामले में सीबीआई द्वारा उनके खिलाफ आरोप पत्र दायर करने के बाद अक्टूबर में एक निचली अदालत द्वारा जमानत दे दी गई थी.

Lalu Yadav News: कौन है वह शख्स, जिसकी 'वजह' से मुसीबत में फंस गई लालू प्रसाद यादव एंड फैमिली, क्या है आरोप?

सीबीआई ने क्या कहा
सीबीआई के अनुसार, नियुक्ति के लिए कोई विज्ञापन या सार्वजनिक सूचना जारी नहीं की गई थी, लेकिन पटना के कुछ निवासियों को मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर में विभिन्न जोनल रेलवे में नियुक्त किया गया था. इसने आरोप लगाया कि इसके बदले में, अभ्यर्थियों ने, सीधे या अपने परिवार के सदस्यों के माध्यम से, कथित तौर पर लालू प्रसाद के परिवार के सदस्यों को अत्यधिक रियायती दरों पर जमीन बेची. पिछले कुछ महीनों में, ईडी ने इस मामले में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रमुख लालू प्रसाद की पत्नी एवं बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, उनकी बेटियों मीसा भारती (राज्यसभा में राजद सदस्य), चंदा यादव और रागिनी यादव के बयान दर्ज किए हैं.

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