हाइलाइट्स
ओडिशा की रहनेवाली कल्पना सोरेन का हेमंत सोरेन से कैेसे जुड़ा नाता?
कल्पना सोरेन फिलहाल क्या करती हैं और हेमंत-कल्पना के कितने बच्चे हैं?
कैसे कल्पना के हेमंत के जीवन में आने के बाद बदलने लगी उनकी किस्मत?
रांची. झारखंड में सियासी हलचल के बीच आज दो बड़ी बैठकें होने वाली हैं. पहली बैठक रांची के प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में कांग्रेस प्रदेश प्रभारियों के साथ विधायकों की तो दूसरी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ सत्ताधारी विधायकों की बैठक है. प्रदेश में सीएम पद में बदलाव होने के कयास लगाए जा रहे हैं. चर्चा यह है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (CM Hemant Soren) अपना पद छोड़ सकते हैं और अपनी पत्नी कल्पना सोरेन को सीएम पद सौंप सकते हैं. हालांकि, झारखंड मुक्ति मोर्चा की ओर से ऐसी किसी भी संभावना को खारिज किया गया है. लेकिन इसी बहाने आइए जानते हैं कि कल्पना सोरेन (Kalpana Soren) कौन हैं और कैसे कल्पना के हेमंत के जीवन में आने के बाद से ही उनकी किस्मत पलट गई.
कल्पना सोरेन मूल रूप से ओडिशा की रहने वाली हैं, लेकिन उनका जन्म वर्ष 1976 में रांची में हुआ है. कल्पना के परिजन ओडिशा में ही रहते हैं. कल्पना सोरेन ने अपनी ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई रांची से ही पूरी की है. हेमंत सोरेन और कल्पना की अरेंज मैरिज 7 फरवरी 2006 को हुई थी.
हेमंत सोरेन का पैतृक गांव झारखंड का नेमरा है तो कल्पना सोरेन ओडिशा के क्योंझर जिले की बारीपदा की निवासी हैं. झारखंड के सबसे बड़े राजनीतिक परिवार में जन्मे हेमंत सोरेन और कल्पना सोरेन की शादी परंपरागत जनजातीय तरीके से हुई थी. शादी के समय शिबू सोरेन केंद्र में कोयला मंत्री थे.
पांच दशक से अधिक समय से राजनीतिक तौर बेहद सक्रिय शिबू सोरेन परिवार में कल्पना सोरेन स्वयं तो राजनीति में पूरे तौर पर एक्टिव नहीं है. लेकिन उनके घर में कदम रखते हुए हेमंत सोरेन की तकदीर बदलने का दौर शुरू हो गया. शादी के बाद 2009 में हुए विधानसभा चुनाव में हेमंत सोरेन को पहली बार संसदीय राजनीति में सफलता मिली थी.
जानकार बताते हैं कि इसके बाद से वे लगातार सफलता की सीढ़ियों पर चढ़ते गए और झारखंड की राजनीति में स्थापित चेहरा बन गए. पहले बीजेपी नेतृत्व वाली सरकार में उपमुख्यमंत्री बने, फिर बीजेपी से अलग होकर यूपीए के साथ मिलकर सरकार बना ली. वर्ष 2014 के चुनाव में वे नेता प्रतिपक्ष बने, लेकिन 2019 में फिर उनकी सत्ता में वापसी हुई,
कल्पना सोरेन प्रदेश के बड़े राजनीतिक परिवार से जुड़ी तो जरूर हैं, लेकिन उनका लगाव और कार्यक्षेत्र अलग है. वह एक एक प्ले स्कूल का संचालन करती हैं और एक बिजनेस वमुन के रूप में जानी जाती हैं. हेमंत सोरेन-कल्पना सोरेन के दो बेटे निखिल और अंश हैं. सोरेन परिवार के भीतर कल्पना की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है.
माना जाता है कि राजनीतिक तौर पर बेहद सक्रिय परिवार के बीच रहने के बावजूद कल्पना राजनीतिक तौर पर सक्रिय रहने से खुद को बचा लेती हैं. कल्पना पारिवारिक कार्यक्रमों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेती हैं. हालांकि, सामाजिक कार्यक्रमों में उनकी मौजूदगी की वजह से वो लोगों के बीच कल्पना सोरेन काफी लोकप्रिय हैं. कल्पना सोरेन महिला विकास कार्यक्रमों में खूब हिस्सा लेती हैं.

कल्पना सोरेन सक्रिय राजनीति में हिस्सा नहीं लेती हैं. लेकिन परिवार में राजनीतिक माहौल होने की वजह से उनकी दिलचस्पी राजनीतिक घटनाओं में रहती है. भविष्य में राजनीति में शामिल होने के सवाल पर कल्पना सोरेन ने हाल में ही कहा था कि वो फिलहाल अपने परिवार की जिम्मेदारियां निभा रही हैं और इसी में खुश हैं.
बता दें कि सीएम हेमंत सोरेन ने कहा है कि उनकी पत्नी को मुख्यमंत्री की कमान सौंपने की चर्चा के जरिए मेरे खिलाफ प्रोपेगेंडा चलाया जा रहा है. यह बीजेपी की बुनी हुई झूठी कहानी है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि मेरी पत्नी के विधानसभा चुनाव लड़ने की संभावना बीजेपी की कल्पना है और बीजेपी झूठी कहानी गढ़ रही है कि मैं सत्ता अपनी पत्नी को सौंप दूंगा.
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FIRST PUBLISHED : January 3, 2024, 09:50 IST