सच्चिदानंद/पटना. मौसम अपना मिजाज बदले लगा है. हवा में ठंडक धीरे-धीरे घुल रही है. बाजार की रौनक, नदी किनारे तैयारी और घर आंगन में गाए जाने वाले गीत यह सब इस बात की ओर संकेत दे रही है कि लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा आने वाला है. छठ सिर्फ एक त्यौहार नहीं, बल्कि बिहार और यूपी के लोगों के लिए एक इमोशन है. यह त्यौहार घर के सभी सदस्यों को एक जगह इक्कठा करता है.
बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में यह पर्व धूमधाम से मनाया जाता है. इस दौरान छठी मैया और सूर्यदेव की पूजा की जाती है. पटना के मशहूर ज्योतिषविद् डॉ. श्रीपति त्रिपाठी के अनुसार यह खोया हुआ मान और सम्मान वापस पाने का त्योहार है. सूर्यदेव और उनकी बहन की पूजा करने का त्योहार है.
कौन हैं छठी मैया
डॉ. श्री पति त्रिपाठी ने बताया कि धार्मिक ग्रंथों में यह उल्लेख है कि सूर्यदेव की बहन ही छठी मैया हैं. इसके साथ ही छठी मैया ब्रह्मा जी की मानस पुत्री हैं. पौराणिक कथा के अनुसार सृष्टि की रचना के समय ब्रह्मा जी ने अपने शरीर को दो हिस्सों में बांट दिया था. उनके दाएं हिस्से से पुरुष और बाएं हिस्से से प्रकृति का जन्म हुआ. इसके बाद प्रकृति ने अपने आप को छह हिस्सों में बांट दिया. प्रकृति देवी के छठवें हिस्से को षष्ठी देवी कहा गया. षष्ठी देवी को ही छठी देवी कहा जाता है. बोलचाल में यह छठी मैया हो गया.
किसकी पत्नी हैं छठी मैया
डॉ. श्रीपति त्रिपाठी ने बताया कि पुराणों के अनुसार छठी मइया के पति का नाम ‘कार्तिकेय’ है. कार्तिकेय जो भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र हैं और भगवान गणेश के भाई भी हैं. श्रीमद भागवत महापुराण के अनुसार प्रकृति के छठे अंश से प्रकट हुई 16 माताओं में सबसे प्रसिद्ध छठी मइया हैं, जो कार्तिकेय की पत्नी हैं.
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FIRST PUBLISHED : November 15, 2023, 08:37 IST