“कौन आलाकमान” कहने वाले गहलोत के करीबी को शीर्ष नेतृत्व ने दिखाई ताकत, टिकट पेंडिंग

कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में राजस्थान चुनाव को लेकर भी हुई बात (प्रतीकात्मक चित्र)

नई दिल्ली:

राजस्थान में टिकटों को लेकर मंथन का दौर जारी है. इस बीच कांग्रेस सीईसी की बैठक हुई है, जिसमें राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत के साथ-साथ सोनिया गांधी, राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे समेत कई बड़े नेता मौजूद थे. इसमें गहलोत के तीन करीबी नेताओं शांति धारीवाल, महेंद्र जोशी और राजेंद्र राठौर के टिकट को लेकर जैसे ही चर्चा हुई. दरअसल, ये तीनों वही नेता हैं जब राजस्थान में पिछली बार मल्लिकार्जुन खरगे और अजय माकन पर्यवेक्षक बनकर गए थे तो उनकी बैठक नहीं होने दी थी. शांतिधारीवाल ने तो यह तक कह दिया था कि कौन आलाकमान.

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जैसे ही शांतिधारीवाल का जिक्र आया तो सोनिया गांधी ने कहा कि क्या ये वही है जिन्होंने राजस्थान में मचे बवाल के बीच निगेटिव भूमिका निभाई. उनके खिलाफ करप्शन की भी काफी शिकायतें हैं. तभी अशोक गहलोत उनके बचाव में उतरे, लेकिन राहुल गांधी ने कहा कि रुके रुको… भारत जोड़ो यात्रा के वक्त इनकी बहुत शिकायतें आई थीं. इसी बीच मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि इनका टिकट पेंडिंग रख देते हैं. कह सकते हैं कि आलाकमान ने अपनी ताकत दिखा दी.

राजस्थान में उम्मीदवारों की लिस्ट को लेकर राहुल गांधी ने कहा कि मंत्री, विधायक और हारे हुए प्रत्याशियों के 50 प्रतिशत टिकट इस बार काटे जाएँ. उनसकी जगह नए चेहरों को मौका दिया जाए. इसी मंथन के बीच अभी तक राजस्थान में कांग्रेस की पहली सूची नहीं आ पाई है. 

जानकारी के मुताबिक बैठक में स्क्रीनिंग कमेटी की ओर से 106 विधानसभा सीटों के लिए दिए सिंगल पैनल पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आपत्ति जताई. राहुल गांधी ने 106 सीटों के लिए सिंगल पैनल पर सवाल उठाते हुए कहा कि इन सीटों पर क्या कोई अन्य दावेदार नहीं है, इस पर विचार किया जाए.  अगली स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक 21 अक्टूबर को दिल्ली में होगी. स्क्रीनिंग कमेटी 22 अक्टूबर को केंद्रीय चुनाव समिति की होने वाली बैठक में अपनी रिपोर्ट पेश करेगी, जिसके बाद ही राजस्थान के लिए प्रत्याशियों के लिए कांग्रेस की पहली सूची जारी की होगी. 

हालांकि कांग्रेस की पहली सूची में हो रही देरी का एक बड़ा कारण यह भी माना जा रहा है कि दौसा में आरसीपी से जुड़ी जन जागरण यात्रा का समापन कार्यक्रम रखा गया है. ऐसे में वहां प्रियंका गांधी की एक बड़ी सभा होनी है. अब अगर सभा से पहले पहली सूची पब्लिक कर दी गई, तो गतिरोध की स्थिति बन सकती है जिसको देखते हुए कांग्रेस एहतियात बरत रही है.

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