
Virat Kohli’s Records: कोहली हर मैच कुछ न कुछ विराट बटोर रहे हैं
नई दिल्ली:
Virat Kohli: मॉडर्न एरा के महानतम बल्लेबाज विराट कोहली (Virat Kohli) अपने आप में मिथक बन गए हैं. वह करियर के ऐसे मुकाम पर पहुंच गए हैं, जहां से वह छीकते भी हैं, तो कुछ न कुछ उनके खाते में जमा हो रहा है! हाल ही जारी World Cup 2023 में न्यूजीलैंड के खिलाफ सेमीफाइनल (Ind vs Nz) में सचिन तेंदुलकर के 49 शतकों का रिकॉर्ड तोड़ने वाले विराट ने अपना कद कहीं ज्यादा ऊंचा कर लिया है. कुल मिलाकर यह बल्लेबाज रिकॉर्ड मशीन हो चला है. और कुछ रिकॉर्ड तो ऐसे हैं, जिन्हें तोड़ने में अगली पीढ़ी के बल्लेबाजों के पसीने छूट जाएंगे. चलिए आपका परिचय कुछ ऐसे ही चुनिंदा 3 रिकॉर्डों से कराते हैं.
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सबसे ज्यादा वनडे शतक
न्यूजीलैंड के खिलाफ सेमीफाइनल में पचासवां शतक जड़ने के साथ ही कोहली एक ऐसे शतकों के पहाड़ पर चढ़ गए, जिस पर नजर डालने पर ही अगली पीढ़ी के बल्लेबाजों के पसीने छूट जाएंगे. फिटनेस के लिहाज से कोहली अभी तीन-चार साल क्रिकेट और खेल सकते हैं. ऐसे में उनका आंकड़ा और भी ज्यादा ऊपर जाएगा ही जाएगा. और वह ऐसा रिकॉर्ड छोड़कर जाएंगे, जिसे लांघना किसी भी बल्लेबाज के लिए एवरेस्ट चढ़ने से भी ज्यादा ही कहा जा सकता है.
विश्व कप के एक संस्करण में सात सौ से ज्यादा रन
अभी तक कोहली 10 मैचों की इतनी ही पारियों 711 रन बना चुके हैं. आप यूएसपी (यूनीक सेलिंग प्वाइंट) यह देखिए कि उनका औसत 101.57 है. उन्होंने तीन शतक और पांच अर्द्धशतक जड़े हैं. वह जारी संस्करण में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज हैं. वह किसी एक संस्करण में सचिन तेंदुलकर के सबसे ज्यादा रन (673) को पहले ही पीछे छोड़ चुके हैं. और अगर फाइनल में कोहली के बल्ले से एक और शतक निकलता है, तो आप सोचिए कि उनका आंकड़ा करीब साढ़े आठ सौ के आस-पास जाकर रुकेगा. और अगर ऐसा नहीं भी होता है, तो भी कोहली का यह रिकॉर्ड टूटने से सुरक्षित दिखाई पड़ रहा है.
विश्व कप इतिहास में सबसे ज्यादा जीतों का हिस्सा बनना
कोहली ने विश्व कप में अपने करियर का आगाज साल 2011 में किया था. यह संस्करण भी भारत में खेला गया था. न्यूजीलैंड के खिलाफ सेमीफाइनल तक विराट कुल 36 विश्व कप मैचों में भारत के लिए खेले और इनमें से वह 30 मुकाबलों में भारत की जीत का हिस्सा रहे. यह वह आंकड़ा है, जो विश्व कप में उनके अलावा कोई दूसरा खिलाड़ी हासिल नहीं कर सका है. और किसी खिलाड़ी के लिए विश्व कप में इतने मैच खेलना ही बहुत ज्यादा टेढ़ी खीर दिखाई पड़ता है. फिर इतनी जीतों का हिस्सा होना महज कल्पना ही दिखाई पड़ता है.