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- Lost Hope, Better To Die In Jail: Teary Goyal To Court, Jet Airways Founder Naresh Goyal Arrested
2 घंटे पहले
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नरेश गोयल ने जेट एयरवेज की शुरुआत 1993 को की थी। फिलहाल वे केनरा बैंक में 538 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी के आरोप में जेल में हैं।
केनरा बैंक के साथ 538 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी के आरोपी नरेश गोयल शनिवार को स्पेशल कोर्ट में पेश हुए। उन्होंने कोर्ट से कहा कि मैं जिंदगी की आस खो चुका हूं। मेरा स्वास्थ्य बहुत बिगड़ गया है। बेहतर होगा कि जेल में मर जाऊं। ये कहने के साथ ही नरेश गोयल ने हाथ जोड़ लिए।
नरेश गोयल ने आगे कहा कि उन्हें अपनी पत्नी अनीता की कमी बहुत खलती है, जो कैंसर के लास्ट स्टेज में हैं। इसके बाद जज ने कहा कि आपको बेसहारा नहीं छोड़ा जाएगा।
नरेश ने ऐसे हालात के बीच स्पेशल जज एमजी देशपांडे के सामने अपनी जमानत अर्जी दायर की थी। उन्हें अदालत में पेश किया गया और कार्यवाही के दौरान उन्होंने व्यक्तिगत सुनवाई का अनुरोध किया, जिसे जज ने स्वीकार कर लिया।
नरेश गोयल पर केनरा बैंक में 538 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का आरोप है। ED ने कथित बैंक धोखाधड़ी के सिलसिले में पिछले साल एक सितंबर को नरेश गोयल को गिरफ्तार किया था। वह अभी भी न्यायिक हिरासत में हैं।

ये तस्वीर 2 सितंबर की है, जब ED ने जेट एयरवेज के फाउंडर नरेश गोयल को मुंबई की PMLA कोर्ट में पेश किया था।
सुनवाई के दौरान जज की 2 अहम बातें…
- मैंने उनकी बात ध्यान से सुनी और जब वह अपनी बात रख रहे थे तो मैंने उन्हें ध्यान से देखा। मैंने पाया कि उनका शरीर कांप रहा था। उन्हें खड़ा होने के लिए सहारे की जरूरत है।
- नरेश गोयल ने जो कुछ कहा, मैंने उनकी हर बात पर गौर किया है। मैंने आरोपी को आश्वस्त किया कि उन्हें बेसहारा नहीं छोड़ा जाएगा और उनके मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य का हर संभव ख्याल रखा जाएगा और इलाज कराया जाएगा।

CBI और ED ने केनरा बैंक की एक शिकायत के आधार पर नरेश गोयल और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
तीन पॉइंट में पूरा मामला समझें:
- जेट को 848.86 करोड़ रुपए की क्रेडिट लिमिट और लोन दिए गए थे, जिसमें से 538.62 करोड़ रुपए बकाया हैं। ये अकाउंट 29 जुलाई 2021 में ‘फ्रॉड’ घोषित किया गया था।
- CBI ने 5 मई को गोयल के मुंबई स्थित ऑफिस सहित 7 ठिकानों की तलाशी ली थी। नरेश गोयल, अनीता गोयल और जेट एग्जीक्यूटिव गौरांग शेट्टी के घर पर भी छापे पड़ थे।
- CBI की FIR के आधार पर ED ने 19 जुलाई को मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया। तब ED ने भी गोयल और उनके साथियों के ठिकानों पर छापेमारी कर तलाशी ली थी।
बैंक का आरोप- पैसों की हेराफेरी की गई
केनरा बैंक ने आरोप लगाया था कि जेट एयरवेज की फोरेंसिक ऑडिट में पाया गया कि जेट ने अपने से जुड़ी कपंनियों यानी ‘रिलेटेड कंपनियों’ को 1,410.41 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए। ऐसा कंपनी के अकाउंट से पैसा निकालने के लिए किया गया।
गोयल परिवार के पर्सनल खर्चे – जैसे स्टाफ की सैलरी, फोन बिल और व्हीकल एक्सपेंस, सब जेट एयरवेज से ही होते थे। गोयल ने 1993 में जेट एयरवेज की स्थापना की थी। 2019 में एयरलाइन का चेयरमैन पद छोड़ दिया था।

आरोपियों में नरेश गोयल की पत्नी अनीता गोयल भी शामिल हैं।- फाइल फोटो
अप्रैल 2019 से बंद है जेट एयरवेज
जेट एयरवेज एक समय भारत की सबसे बड़ी प्राइवेट एयरलाइंस में से एक थी और एयरलाइन को साउथ एशियन नेशन की सबसे बड़ी प्राइवेट एयरलाइन का दर्जा हासिल था। फिर, कर्ज में दबे होने के कारण जेट एयरवेज 17 अप्रैल 2019 में ग्राउंडेड हो गई थी।
जून 2021 में नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) के बैंकरप्सी रिजोल्यूशन प्रोसेस के तहत जालान-कालरॉक (Jalan-Kalrock) कंसोर्टियम ने जेट एयरवेज की बोली जीत ली। इसके बाद से जेट के रिवाइवल की प्रोसेस चल रही है, लेकिन अब तक एयरलाइन शुरू नहीं हो पाई है।
ये कंसोर्टियम मुरारी लाल जालान और कालरॉक कैपिटल की जॉइंट कंपनी है। जालान एक दुबई बेस्ड बिजनेसमैन हैं। वहीं कालरॉक कैपिटल मैनेजमेंट लिमिटेड फाइनेंशियल एडवाइजरी और ऑल्टरनेटिव एसेट मैनेजमेंट के क्षेत्र में काम करने वाली लंदन बेस्ड ग्लोबल फर्म है।


नरेश गोयल ने की थी जेट एयरवेज की शुरुआत
1990 के दशक की शुरुआत में टिकटिंग एजेंट से एंटरप्रेन्योर बने नरेश गोयल ने जेट एयरवेज इंडिया लिमिटेड की शुरुआत कर लोगों को एअर इंडिया का ऑल्टरनेटिव दिया था। एक वक्त जेट के पास कुल 120 प्लेन थे और वो लीडिंग एयरलाइन में से एक हुआ करती थी।
‘दि जॉय ऑफ फ्लाइंग’ टैग लाइन वाली कंपनी जब पीक पर थी तो हर रोज 650 फ्लाइट्स का ऑपरेशन करती थी। जब कंपनी बंद हुई तो उसके पास केवल 16 प्लेन रह गए थे। मार्च 2019 तक कंपनी का घाटा 5,535.75 करोड़ रुपए का हो चुका था।
मामा की ट्रैवल एजेंसी से शुरू किया था करियर
अप्रैल 2019 में 25 साल तक चलने के बाद जेट एयरवेज भारी कर्ज में डूबी, इसके बाद कंपनी बंद हो गई थी। नरेश गोयल इस कंपनी के संस्थापक थे। बचपन में ही नरेश गोयल के पिता का निधन हो गया। 11 साल की उम्र में परिवार पर आए आर्थिक संकट के कारण उन्हें घर नीलाम करना पड़ा। फिर वो अपनी मां के चाचा के साथ रहने लगे।
नरेश ने 1967 में अपने मामा की ट्रैवल एजेंसी में कैशियर के रूप में करियर शुरू किया। उनकी पहली सैलरी ₹300 थी। ग्रेजुएशन के बाद, वह लेबनानी इंटरनेशनल एयरलाइंस के लिए जीएसए के साथ ट्रैवल बिजनेस में शामिल हो गए। और ट्रैवल एजेंसी चलाने लगे।