नीरज कुमार/बेगूसराय. कोरोना महामारी के बाद से इंडियन फूड सर्विस इंडस्ट्री (FSI) में काफी उतार-चढ़ाव रहा है. लॉकडाउन से इस इंडस्ट्री को तगड़ा झटका लगा था. ऐसे में कई बड़ी कंपनियों ने कॉस्ट सेविंग के लिए स्टाफ को शिफ्ट में काम करने के लिए कहा था, लेकिन जिसने कभी शिफ्ट में काम नहीं किया, उनके लिए काफी मुश्किले थी. ऐसे ही मुश्किलों का सामना बेगूसराय जिले के रहने वाले फूड इंजीनियर अजय कुमार को भी करना पड़ा. अजय ने शिफ्ट में काम करने से मना कर दिया और अपनी नौकरी छोड़ दी. फिर कोरोना के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा वोकल फॉर लोकल के बारे में जानकारी प्राप्त कर खुद की ही फूड इंडस्ट्री लगा डाली.
जिले के भगवानपुर प्रखंड के रघुनंदनपुर गांव के राजनारायण चौधरी के पुत्र अजय कुमार चौधरी ने बताया कि साल 2010 में उन्होंने फूड प्रोसेसिंग में बीटेक किया. इसके बाद 10 साल तक हल्दीराम, भारती रिटेल, सेनेक्स जैसी बड़ी कंपनी में प्रोडक्ट कंट्रोल मैनेजर के तौर पर काम किया. लेकिन जब लॉकडाउन में कंपनी ने कई कर्मियों को निकाल दिया तो इन्हें शिफ्ट वाइज और प्रोडेक्ट ऑपरेशन डिपार्टमेंट में काम करने के लिए कहा, जो उन्हें पसंद नहीं आया और नौकरी छोड़ दी. फिर पीएमएफएमइ योजना से पंजाब नेशनल बैंक से 10 लाख का लोन लेकर खुद की मैजिक X कंपनी खोल डाली.
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हर दिन होती है 8 हजार तक की कमाई
अजय चौधरी ने बताया कि वह पटना और मुजफ्फरपुर से कुरकुरे, टकाटक, मिक्सचर आदि का रॉ मटेरियल लाते हैं. इसके अलावा लोकल बाजार से सत्तू का रॉ मैटेरियल खरीदते हैं. वह बताते हैं कि अभी रोजाना 30 हजार तक के प्रोडक्ट तैयार करते हैं. जबकि इसकी बिक्री 38 हजार तक में हो जाती है. इससे हर दिन 8 हजार तक की कमाई हो रही है. वह रविवार को फैक्ट्री में छुट्टी भी देते हैं. अजय ने बताया कि उनका प्रोडक्ट बिहार के लगभग सभी जिलों में जाता है. खासकर कुरकुरे की डिमांड सबसे ज्यादा है. यहां काम कर रहे कृष्णा महतो को गाड़ी लोडिंग का हर दिन 500 पैकेजिंग देखने वाले वशिष्ठ राय को 15000 महीना मिलता है.
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FIRST PUBLISHED : February 1, 2024, 19:12 IST