कोरोना नहीं… फिर भी इस गांव के लोग मास्क लगाने को मजबूर, 1 मिनट के लिए भी हटाया तो जान पर आफत

ऋतु राज/मुजफ्फरपुर. कोरोना के दौरान हर व्यक्ति के साथ एक बात कॉमन थी. वायरस से बचने के लिए सभी लोग हमेशा मास्क लगाए रहते थे. कोरोना अब नहीं है, फिर भी बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के कांटी इलाके के लोगों का मास्क लगाना अनिवार्य है. बहुत से लोग कोरोना से पहले से ऐसा कर रहे हैं. कारण यह कि कांटी थर्मल पावर प्लांट से फैल रहे प्रदूषण ने स्थानीय लोगों का जीना मुहाल कर दिया है. थर्मल पावर से निकलने वाली छाई (coal fly ash)ने नदी को तो समाप्त कर ही दिया है, साथ ही लोगों में सांस की और कैंसर जैसी बीमारी का कारण भी बन रहा है.

बताया जा रहा है की छाई के कारण कांटी थर्मल पावर प्लांट के कैम्पस का लेवल पास के गांव से करीब 10-12 फीट ऊंचा हो गया है. इस कारण इलाके में जलजमाव की समस्या स्थाई बन गई है. साथ ही हवा के माध्यम से छाई वातावरण में लगातार फैल रहा है. चिमनी से उत्सर्जित छाई के अलावा कांटी थर्मल पावर प्लांट से सटे गांवों जैसे नरसंडा, विशुनपुर सुमेर, कांटी कोठियां एवं NH-28 पर कांटी चौक से चांदनी चौक तक सड़क छाई से पटा रहता है. इससे वहां के लोगों को दमा और कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी हो सकती है. लोग इतने परेशान हैं कि वह अब घर छोड़कर पलायन करने को मजबूर हो रहे हैं.

बढ़ गया है वायु प्रदूषण का लेवल
इस खतरनाक धूल से गांव के लोगों का सड़क पर चलना मुश्किल हो गया है. रोज सैकड़ों ट्रक से छाई की ढुलाई ईंट बनाने के लिए किया जा रही है. इस कारण धूलकण हवा में तैरते रहता है. चिकित्सकों की माने तो सांस संबंधी बीमारी से लेकर लंग कैंसर तक होने का खतरा बढ़ गया है. पहले भी थर्मल पावर प्लांट के आसपास के गांव में छाई वातावरण में था. परन्तु जबसे छाई की ढुलाई ईंट बनाने के लिए की जा रही है, आसपास के गांव में छाई के कारण वायु प्रदूषण का लेवल काफी बढ़ गया है.

परेशानी हो तो तत्काल डॉक्टर से दिखाएं
बढ़ते प्रदूषण को लेकर एसकेएमसीएच के जनरल फिजिशियन डॉ. राहुल सिंह ने बताया कि यह छाई काफी खतरनाक है. इससे कई प्रकार की बीमारियां हो सकती है. इसलिए आपको अपना बचाव करना बेहद जरूरी है. वे बताते हैं कि इस इलाके में मास्क का इस्तमाल करना अनिवार्य है. वे बताते हैं किअगर ज्यादा दिक्कत हो रही है, तो अपने नजदीकी स्वास्थ केंद्र पर जाकर तत्काल दिखवा लें. क्योंकि कोयले के छाई में कई खतरनाक कैमिकल का मिश्रण होता है. इससे लोग बीमार हो सकते हैं. इस धूल से लोगों की जान भी जा सकती है. इसलिए उन्हें इससे बचने की जरूरत है.

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