वाराणसी34 मिनट पहले
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कोरोना-काल के मृतकों की मुक्ति को लेकर मुक्ति-कथा का आयोजन।
वाराणसी के केदारघाट स्थित श्री विद्यामठ में कोरोना काल में मृतकों की मुक्ति की कामना के लिए धर्मानुष्ठान आरंभ हुआ। यह अनुष्ठान अमावस्या तक चलेगा। आयोजन में देश ही नहीं विदेश के श्रद्धालुओं के लिए भी अनुष्ठान होंगे। मठ में 13 अक्टूबर तक मुक्ति कथा का आयोजन किया गया। यह कथा कोरोना काल में मृत्यु लोगों की सद्गति के लिए आयोजित किया गया हैं।
10 हजार से अधिक वैदिक ब्राह्मण अनुष्ठान कराएंगे पूर्ण
शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने बताया कि कोरोना काल के दौरान मरने वालों के लिए जो भी परिजन अंतिम संस्कार नहीं करा पाए हैं। उन सभी का ब्यौरा एकत्र करके यह अनुष्ठान आरंभ हुआ है। जिस धर्म के लोगों की कोरोना के कारण असमय मृत्यु हुई है। उनकी उनके धर्म के अनुसार ही सद्गति के लिए अनुष्ठान की प्रक्रिया को पूर्ण कराया जाएगा।
वैदिक ब्राह्मण 14 अक्तूबर को कराएंगे तर्पण
धार्मिक अनुष्ठान के साथ ही कोरोना काल में मरने वालों की सद्गति के लिए अनुष्ठान की शुरुआत हो चुकी है। इसमें लगभग 10 हजार से अधिक वैदिक ब्राह्मण अनुष्ठान को पूर्ण कराएंगे। 14 अक्तूबर को सर्वपितृ अमावस्या पर सामूहिक रूप से ज्ञात और अज्ञात मृतकों के लिए धर्मानुष्ठान संपन्न होंगे।
मृत्यु से बचने का नहीं, अपितु मृत्यु को संवारने का प्रयास
शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि लोग मृत्यु से बचने का उपाय करते देखे जाते हैं। परन्तु हमें यह समझना चाहिए कि जिसका जन्म हुआ है। उसकी मृत्यु निश्चित रूप से होती ही है। इसलिए मृत्यु से कोई व्यक्ति नहीं बच सकता। हमें मृत्यु को संवारने का प्रयास करना चाहिए। यदि मृत्यु को संवार लेंगे तो मुक्ति प्राप्त हो जाएगी।