कोचिंग संस्थानों के लिए नई गाइडलाइन, कम होगा छात्रों से दबाव या बढ़ेगी परेशानी?

अंजलि सिंह राजपूत/लखनऊ : केंद्र सरकार ने कोचिंग संस्थानों के लिए नई गाइडलाइन्स जारी की है. नई गाइडलाइन्स के अनुसार कोचिंग संस्थानों में 16 साल से कम उम्र के छात्रों को एडमिशन नहीं मिलेगा. साथ ही छात्रों को अच्छे नंबर या रैंक दिलाने की गारंटी जैसे भ्रामक वादों पर भी लगाम लगेगी. जो बेहद चर्चा का विषय बन गया है. लखनऊ के कोचिंग हब में इस मसले पर चर्चा होती रही, कोचिंग संचालक दिनभर नफा-नुकसान पर गुणा-गणित करते दिखे.वहीं छात्रों के परिजनों के सर पर भी चिंता की लकीर साफ दिखाई दे रही है.

छात्रों के परिजन असमंजस में हैं. अभिभावकों का मानना है कि स्कूलों की पढ़ाई के खराब स्तर और बेहतर भविष्य के लिए उनको बच्चों को कोचिंग भेजना पड़ता है. नए नियमों से बच्चों की पढ़ाई खराब हो सकती है. वहीं सरकार का मानना है कि छात्रों में मानसिक दबाब के कारण आत्महत्या की प्रवृति बढ़ रही है. छात्रों का क्या होगा ये तो भविष्य के गर्भ में छिपा है लेकिन फिलहाल सब अपनी-अपनी डफली बजा रहे हैं.

बच्चों पर पड़ेगा सीधा प्रभाव
लखनऊ में आईआईटी और नीट की तैयारी कराने वाली एक बड़ी कोचिंग संस्थान के शिक्षक रत्नेश मिश्रा ने बताया कि केंद्र सरकार की नई गाइडलाइन्स का सीधा प्रभाव बच्चों पर पड़ेगा क्योंकि अब बच्चे 7 वीं और 8 वीं तक तय कर लेते हैं कि उन्हें क्या बनना है या क्या करना है. आईआईटी- जेईई और नीट के लिए 7 वीं और 8 वीं से बच्चे कोचिंग करना शुरू कर देते हैं, क्योंकि आईआईटी- जेईई और नीट के लिए प्रतिस्पर्धा ज्यादा है तो वह पहले से ही तैयारी करते हैं. तब कहीं जाकर इस पूरे कोर्स को समझ पाते हैं और इस पूरे एग्जाम को क्लियर कर पाते हैं. अब उनके लिए ऐसा कर पाना कठिन हो जाएगा.

बच्चों पर पड़ेगा मानसिक दबाव
16 साल के बाद सीधा कोई बच्चा आईआईटी और मेडिकल में एडमिशन लेना बच्चों के लिए घातक हो सकता है. बच्चों को पूरा कोर्स समझ पाने में दिक्कत होगी. यही वजह है कि बच्चे कम उम्र से ही इसकी तैयारी करने लगते हैं. अगर बच्चा 16 साल के बाद आईआईटी और मेडिकल में आएगा तो उसके ऊपर ज्यादा मानसिक दबाव पड़ेगा क्योंकि उस पर जल्द से जल्द इस पूरे एग्जाम को क्लियर करने का दबाव बना रहेगा

बच्चों के हित में नहीं है सरकारी गाइडलाइन्स
सरकार को स्कूली व्यवस्था पर भी ध्यान देना चाहिए ताकि स्कूल में ही बच्चों को कुछ पढ़ाई हो जिससे छात्रों को आईआईटी और मेडिकल की तैयारी के लिए कोचिंग संस्थानों की तरफ न जाना पड़े . जब तक स्कूलों में यह व्यवस्था नहीं होती तब तक कोचिंग सेंटर में 16 साल के कम उम्र के बच्चों पर प्रतिबंध लगाना बच्चों के हित में नजर नहीं आ रहा.

नहीं लेंगे प्रवेश
रत्नेश मिश्रा ने बताया कि अगर सरकार इस पूरे नियम को लागू कर देती है तो अगले बैच में 16 साल से कम उम्र के बच्चों का प्रवेश नहीं लिया जाएगा.

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