कॉफी का स्वाद बढ़ा रही चिकोरी: 3500 लगाकर 28 हजार रुपये में बिकती है एक बीघा की फसल, लगातार बढ़ रहे प्लांट

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कॉफी का स्वाद बढ़ाने वाली चिकोरी की फसल का दायरा और इसके प्लांट अलीगढ़ में तेजी से बढ़ रहे हैं। शुरुआती वर्षों में अलीगढ़ में इसके केवल दो प्लांट थे, अब इनकी संख्या 18 तक पहुंच गई है। चिकोरी कॉफी का स्वाद बढ़ाने के साथ कई तरह की मिठाइयों में भी प्रयोग होती है। इसमें चॉकलेट फ्लेवर की बर्फी प्रमुख है। चॉकलेट आइसक्रीम, चॉकलेट टॉफी, चॉकलेट बिस्किट भी इसका प्रयोग होता है। कई तरह की दवाओं और सिरप के फ्लेवर में भी इसका प्रयोग किया जाता है। इसलिए लगातार इसकी मांग बढ़ रही है।

रबी की फसल के इस मौसम में इसकी खेती आलू और गेहूं की तुलना में अधिक सस्ती और बहुत कम जोखिम भरी है। इसकी फसल का भाव पहले से तय होता है, इसलिए किसान इसकी ओर तेजी से बढ़ रहे हैं। जिले में लगभग 3500 बीघा में इसकी फसल हो रही है। साल दर साल ये रकबा बढ़ रहा है। किसानों को एक नियमित लाभ देने वाली इस फसल और इसके प्लांट की पूरी जानकारी सरकारी विभागों में उपलब्ध नहीं है। कृषि विभाग, जिला उद्यान अधिकारी, जिला उद्योग केंद्र और खाद्य सुरक्षा विभाग के जिला स्तरीय अधिकारी इसकी थोड़ी बहुत सतही जानकारी ही रखते हैं। ऐसे में किसानों को इसकी पूरी जानकारी नहीं मिल पा रही है।

चिकोरी फसल

विटामिन से है भरपूर

चिकोरी के पौधे का वनस्पतिक नाम चिकोरियम एंटीबस है। इसमें विषाक्तता मुक्त करने के लक्षण होते हैं। ये वजन कम करने, किडनी की पथरी के उपचार के लिए भी लाभदायक है। इसमें जिंक, मैग्नीशियम, कैल्शियम, लौह फोलिक, पोटेशियम, विटामिन ए, बी-6, सी, ई और के होता है।

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