आशुतोष तिवारी/रीवा. राजा रजवाड़ों के वीरता, साहस और उनके द्वारा लड़े गए युद्ध के बारे में तो हर कोई जानना चाहता है. इसके अलावा लोग राजा महाराजाओं के शौक और उनके द्वारा की गई दुर्लभ वस्तुओं के संग्रह के बारे में भी जानना चाहते है. रीवा विरासत के राजा के पास भी ऐसे कई दुर्लभ वस्तुएं थी. आज भी इन वस्तुओं को सहेज कर रीवा किले में बघेला म्यूजियम में रखा गया है. इन वस्तुओं में एक ताले को भी संरक्षित किया गया है. इस ताले का नाम चोर ताला है.
रीवा के बघेला म्यूजियम में रखे चोर ताले की कई खूबियां है. इस ताले को किसी दरवाजे में नहीं लगाया जाता था. बल्कि इसे सुरक्षित जगह रख दिया जाता था. ताले में बने बॉक्स में कोषालय और तिजोरियों की चाबी जैसे जरूरी समान रख दिया जाता था. उसके बाद यदि कोई चोर उस सामान को चुराने के लिए ताले में हाथ डालता है तो ताला चोर का हाथ पकड़ लेता है.
ताला खोलने की अलग थी तकनीकी
शायद आपके मन में यह सवाल आए कि ताला चोर की पहचान कैसे करता था. बघेला म्यूजियम की देखरेख करने वाले राजकुमार पाण्डेय बताते हैं कि ताला से सामान निकालने की विशेष तकनीकी थी. उसमें तीन चाबियां लगती थी. यदि कोई भी नया व्यक्ति या चोर ताले से सामान को निकालने की कोशिश करता था ताला यह समझ जाता था कि वह चोर है और सीधे चोर का हाथ पकड़ लेता था. ताले का वजन 25 किलो से भी ज्यादा है इसलिए चोर ताला को लेकर भाग भी नहीं सकते थे. राजकुमार पाण्डेय ने बताया की यह ताला रीवा रियासत के महराजा गुलाब सिंह को जेल के कैदियों ने भेट किया था. इस ताले की मुख्य चाबी हमेशा राजा गुलाब सिंह के पास ही रहती थी.
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FIRST PUBLISHED : October 4, 2023, 16:52 IST