नीरज कुमार/बेगूसराय : विश्व के लोगों को कैंसर के खिलाफ लड़ाई में एकजुट करने के लिए प्रतिवर्ष 4 फरवरी को ‘विश्व कैंसर दिवस’ मनाया जाता है. यह एक वैश्विक कार्यक्रम है. इस कार्यक्रम के तहत बिहार में राज्य स्वास्थ्य समिति 10 फरवरी तक कैंसर जागरूकता सप्ताह मनाएगी. ऐसे में आज हम बिहार के बेगूसराय जिले के एक ऐसे गांव की कहानी बता रहे हैं, जिस गांव को कैंसर विलेज ऑफ बिहार कहा जाता है.
ग्रामीणों का दावा है कि हर महीने 10 से अधिक मौत कैंसर की वजह से होती है. स्वास्थ्य विभाग का मानना है कि इस गांव में कैंसर जागरूकता सप्ताह चलाकर लोगों की जान बचाने के लिए प्रयास किए जाते हैं मरीजों को मुफ्त में दवाई दी जाती है. जब लोकल 18 ने गांव की पड़ताल की तो विभागीय सारे दावे हवा हवाई निकले. यहां लगातार ग्रामीण इलाज के अभाव में दम तोड़ रहे हैं. आइए देखते हैं क्या है गांव की पूरी कहानी.
हर महीने 5 से ज्यादा लोगों की जा रही जान
बेगूसराय जिला मुख्यालय से तकरीबन 21 किमी दूर तेघरा प्रखंड के चिलहाय गांव के लोगों से जब कैंसर विलेज बनने की वजह जानने के लिए पहुंचे तो 11.23 बजे संजीत चौरसिया पंचायत भवन के रास्ते में मिलें. इन्होंने बताया कि मेरे पिता जगदीश चोराशिया की भी मौत तीन दिन पहले कैंसर से ही इलाज के अभाव में हुई है. इसी गांव की 71 वर्षीय सुभद्रा देवी ने बताया मैनें भी इसी महीने कैंसर की वजह से अपने पति को खोया.
ग्रामीणों का दावा है कि गांव की 15% आबादी कैंसर से पीड़ित है. यहां के पंचायत समिति सदस्य राम उदगार पासवान ने बताया यहां हर परिवार में कैंसर के मरीज है. कैंसर होने की क्या वजह है या अब तक सामने नहीं आ पाया है. यह एक रिसर्च का विषय हो सकता है. यह गांव चारों ओर बलान नदी से घिरा हुआ है. इस गांव में 50 से ज्यादा एक्टिव मरीज होने का अनुमान लगाया जा रहा है. गांव में 14 वार्ड में 8 हज़ार की आबादी बसती है.
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स्वास्थ विभाग का दावा स्कैनिंग के बाद हो रहा इलाज
एक और कैंसर विलेज ऑफ चिलहाय के लोगों ने बताया आजतक हम ग्रामीणों को ना तो मुफ्त में इलाज हुआ नहीं गांव में शिविर लगाकर स्कैनिंग की गई. जब हमने शनिवार को स्वास्थ विभाग सदर अस्पताल के टीम से लापरवाही की वजह जानना चाहा तो जिम्मेदार अस्पताल से गायब दिखे. इस दौरान रूम नंबर 09 में मौजूद कैंसर रिसर्च टीम ने लोकल 18 से बताया इस गांव के लोगों की स्कैनिंग की जा रही है. सामने आ रहे मरीजों को मुजफ्फरपुर इलाज के लिए भेजा जा रहा है.
अभी जिले में सदर अस्पताल के रिकॉर्ड के अनुसार 74 एक्टिव मरीज हैं. जबकि निजी अस्पतालों के आंकड़े सामने नहीं आ पा रहे हैं. ऐसे में यह सवाल उठना लाजिमी है कि ग्रामीणों की हो रही मौत का जिम्मेदार कौन है? केंद्रीय मंत्री सह बेगूसराय सांसद गिरिराज सिंह भी इस गांव का कई बार दौरा कर लोगों को मदद करने का भरोसा दे चुके हैं. अब देखना यह होगा कि इस कैंसर विलेज की इस कैंसर जागरूकता सप्ताह में क्या कुछ तस्वीर बदल पाती है.
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FIRST PUBLISHED : February 4, 2024, 12:05 IST