हाइलाइट्स
विश्वविद्यालयों में गेस्ट टीचरों पर नीतीश सरकार जल्द लेगी फैसला.
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने दिये बड़े संकेत,
11 विश्वविद्यालयों के गेस्ट टीचरों को 11 माह से नहीं मिला मानदेय.
गोपालगंज. बिहार के विश्वविद्यालयों में कार्यरत गेस्ट टीचर्स पर नीतीश सरकार जल्द ही फैसला ले सकती है. गेस्ट टीचरों की लंबे समय से उठ रही मानदेय की मांग और स्थायी सेवा करने की मांग पर केके पाठक ने बड़ा संकेत दिया है. केके पाठक ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि सरकार इसपर फैसला जल्द लेगी. लोकसभा चुनाव से पहले या बाद सरकार इसपर फैसला ले सकती है. वहीं, गेस्ट टीचर असमंजस में हैं कि उन्हें मानदेय राज्य सरकार से मिलेगी या विश्वविद्यालय से, ऐसे में उनके लिए पेंच फंसता जा रहा है.
उच्च शिक्षा निदेशक ने लिखा था पत्र: उच्च शिक्षा निदेशक डॉ रेखा कुमारी ने राज्य के परंपरागत विश्वविद्यालयों के कुलसचिवों को पिछले फरवरी महीने ही एक पत्र भेजा था, जिसमें गेस्ट टीचरों को मानदेय भुगतान के लिए विश्वविद्यालयों के पास उपलब्ध राशि से करने का निर्देश दिया था. डॉ रेखा कुमारी ने कहा था कि विश्वविद्यालयों के पास खाते में 16 अरब 76 करोड़ 95 लाख से अधिक राशि उपलब्ध है. गेस्ट टीचरों को राज्य सरकार से राशि नहीं मिलने की बात पत्र के माध्यम से कही गयी थी, इसके बाद विश्वविद्यालयों ने अबतक गेस्ट टीचरों को बकाया मानदेय का भुगतान नहीं किया है. इसको लेकर केके पाठक के संकेत से कुछ उम्मीद जग रही है.
11 महीने से नहीं मिला है मानदेय
राज्य के अलग-अलग विश्वविद्यालयों में पिछले 11 महीने से सेवा दे रहे लगभग 2400 के आसपास गेस्ट टीचरों को विश्वविद्यालय से मानदेय नहीं मिला है. मानदेय नहीं मिलने से गेस्ट टीचर परेशान हैं और पिछले महीने पटना में जाकर सरकार के प्रतिनिधि से मुलाकत कर मानदेय की मांग उठायी थी. वहीं, अब अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने गेस्ट टीचरों को लेकर नीतीश सरकार द्वारा बड़ा फैसला लेने का संकेत दिया गया है, जिससे गेस्ट टीचरों को उम्मीद जगी है
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FIRST PUBLISHED : March 7, 2024, 15:15 IST