रिपोर्ट- उधव कृष्ण/पटना:- बदलते औघोगिकीकरण के इस दौर में देश में ऐसे कई लोग हैं, जो अपनी अच्छी पैकेज की नौकरी छोड़ किसानी कर रहे हैं. किसानी की ओर युवाओं के बढ़ते रुझान देखकर अब बिहार सरकार ने कृषि विश्वविद्यालय के अधीन सभी महाविद्यालयों में स्नातक, स्नातकोत्तर और पीएचडी में प्रवेश लेने वाले छात्र-छात्राओं के नामांकन सीटों की संख्या में बढ़ोत्तरी को लेकर सहमति दे दी है. नए साल में लगभग हर विभाग में इसका सकारात्मक प्रभाव देखने को मिल रहा है. कृषि स्नातक और स्नातकोत्तर में कुल सीटों की संख्या 490 से बढ़ाकर अब 789 कर दी जाएगी.
जानिए इससे क्या होगा लाभ?
बिहार सरकार के इस फैसले से राज्य के युवाओं के लिए कृषि में उच्च शिक्षा प्रवेश के लिए नामांकन का अवसर बढ़ेगा. साथ ही साथ राज्य में कृषि विकास के लिए लिया गया ये फैसला मिल का पत्थर साबित होगा. अब अधिक से अधिक छात्र/छात्राएं कृषि वैज्ञानिक और इसके विभिन्न क्षेत्रों से जुड़कर राज्य के किसानों का सहयोग करेंगे. सीटों की जानकारी देते हुए कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत ने कहा कि कृषि रोड मैप के बेहतर कार्यान्वयन को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सीटों की संख्या को बढ़ाने के लिए अपनी स्वीकृति दी है.
कितनी बढ़ाई गई सीटें?
कृषि विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि बिहार कृषि विश्वविद्यालय साबौर के अधीन कृषि स्नातक और स्नातकोत्तर में कुल सीटों की संख्या में 299 की वृद्धि की गई है. बता दें पहले कृषि स्नातक के सीटों की संख्या 357 थी, जिसे बढ़ाकर 610 कर दिया गया है . वहीं कृषि स्नातकोत्तर सीटों की संख्या 104 से बढ़ाकर 132 कर दिया गया है. श्रीअग्रवाल ने कहा कि सरकार ने बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर, भागलपुर के अधीन 208 सहायक प्राध्यापकों की नियुक्ति भी की है. इसी प्रकार पीएचडी में भी सीटों की संख्या 29 से बढ़ाकर 47 कर दी गई है.
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FIRST PUBLISHED : January 4, 2024, 14:13 IST