तुलसी भारती/कुल्लू.देव भूमि हिमाचल के कुल्लू में विश्व प्रसिद्ध अन्तर्राष्ट्रीय दशहरा उत्सव का आगाज हो चुका है. सैंकड़ो देवी-देवताओं के साथ भगवान रघुनाथ की पारंपारिक रथयात्रा संपन्न हुई.देवी-देवताओं के आगमन से कुल्लू का ढालपुर मैदान देवलोक में तब्दील हो चुका है.धर्म के प्रति लोगों की आस्था का ये नजारा किसी सुदंर कल्पना से कम नहीं है.
गौरतलब है कि घाटी में देवताओं की दादी की जाने वाली माता हिडिंबा की अहम भूमिका होती है, इसके बिना दशहरा उत्सव अधूरा माना जाता है. कुल्लू के राज दरबार के साथ देवी हिडिंबा का इतिहास है. देवी हिडिंबा ने ही कुल्लू के प्रथम राजा विहंगमणिपाल को गांव में आतंक फैलाने वाले पीति ठाकुरों का नाश करके उन्हें राजा बनाया था.अतंर्राष्ट्रीय दशहरा उत्सव के इतिहास के मुताबिक इस साल के दशहरा उत्सव में सबसे अधिक 365 देवी-देवताओं की उपस्थिति दर्ज की गई है.देवी-देवताओं की ये संख्या हर साल कम-ज्यादा होती रहती है.
राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला ने भी की शिरकत
दशहरे के महोत्सव में शिरकत करने पहुंचे राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव देखना मेरे लिए सौभाग्य की बात है.कुल्लू का दशहरा उत्सव सदियों से चला रहा है.जिस प्रकार हिमाचल में भारी बरसात से हुई त्रासदी के बाद दशहरा उत्सव की शुरुआत हुई है वो काबिले तारीफ है, लोगों में एक अलग तरह का उत्साह है. देश-विदेश से दशहरा देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग कुल्लू पहुंचे हैं. भगवान से यही प्रार्थना है कि भविष्य में कभी भी इस तरह की त्रासदी इस देवभूमि में ना हो. कल्लू का अंतरराष्ट्रीय दशहरा हिमाचल प्रदेश में नए पर्यटन की शुरुआत करेगी.
दूर-दूर से दशहरा देशने पहुंचे पर्यटक
वहीं दशहरा देखने आए पर्यटकों का कहना है कि वो खास तौर पर दशहरा उत्सव देखने के लिए वह कुल्लू पहुंचे हैं. भगवान रघुनाथ के दर्शनों के लिए हजारों की संख्या में भीड़ उमड़ रही है.लोगों का अपनी आस्था के प्रति ये उत्साह देखखर मन खुश हो जाता है. यहां पर देवी देवताओं को देखकर ऐसा लगता है जैसे मानों देवी-देवता स्वर्ग से धरती पर लौटे हैं. 350 देवी देवताओं को एक साथ, एक जगह पर देखना अद्भुत नजारा है,
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FIRST PUBLISHED : October 25, 2023, 16:04 IST