रिपोर्ट – आशीष त्यागी
बागपत. निर्गुंडी औषधीय गुणों से युक्त एक पौधा है, जिसका वैज्ञानिक नाम विटेक्स है. इसकी पहचान कर इस्तेमाल करने से आप अपने आप को स्वस्थ रख सकते हैं. यह शरीर के बाहरी हिस्सों सहित अंदरूनी हिस्सों पर भी चमत्कारी फायदे करता है. इससे कील-मुंहासे, सूजन और चोट को ठीक किया जा सकता है. साथ ही यूरिन संबंधित समस्या से जीवनभर की निजात मिल सकती है. आयुर्वेद में इसे चमत्कारी औषधि माना गया है, जो बुखार ठीक करने में भी असरदार है.
आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉक्टर सोनल धामा ने बताया कि नदी-नालों के आसपास होने वाली औषधि में निर्गुंडी भी शामिल है. इसे शरीर के आंतरिक और बाहरी हिस्सों पर इस्तेमाल किया जाता है. यह यूरिन से होने वाली समस्याओं को जड़ से खत्म कर देती है. इसके नियमित इस्तेमाल से पेशाब से होने वाली कोई भी बीमारी नहीं होती. वहीं यह आंतरिक भागों पर होने वाले इन्फेक्शन को ठीक करती है. सूजन को कम करती है और जख्म को बहुत जल्दी भर देती है. इस औषधि को आयुर्वेद में वरदान माना गया है. निर्गुंडी में विटामिन सी की मात्रा अधिक होती है. यह एंटीऑक्सीडेंट का काम करती है. यह शरीर को रोगों से लड़ने की क्षमता को बढ़ाती है और बल प्रदान करती है.
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इस तरह करें इस्तेमाल, मिलेगा काफी लाभ
निर्गुंडी के पत्तों को पीसकर जख्म और सूजन वाले हिस्से पर लगाते हैं, जिससे पूरी तरह आराम मिलता है. वहीं इसके पत्तों को पीसकर पानी में मिलाकर कुल्ला करने से मुंह की बीमारियां ठीक होती हैं. इसके पत्तों का नियमित सेवन करने से पेशाब संबंधित सभी रोग ठीक हो जाते हैं. इस औषधि को आयुर्वेद में वरदान माना गया है.
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FIRST PUBLISHED : January 18, 2024, 13:01 IST