विक्रम कुमार झा/पूर्णिया. गरमा खेती एक ऐसी फसल प्रणाली है जिसमें खरीफ और रबी दोनों मौसमों में फसलें उगाई जाती हैं. यह प्रणाली भारत के कुछ हिस्सों में प्रचलित है, जैसे कि बिहार, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश.गरमा खेती के तहत, खरीफ फसलें आमतौर पर जून-जुलाई में बोई जाती हैं और सितंबर-अक्टूबर में काटी जाती हैं. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गरमा खेती करने के लिए मक्का, मूंग और जुट के बीज किसानों को आसानी से मिलेगा.
पूर्णिया जिला कृषि पदाधिकारी सुधीर कुमार कहते हैं कि गरमा सीजन के लिए मक्का, जुट और मूंग की खेती करने के लिए किसानों को ऐसे बीज के लिए प्राप्त हुआ है.उन्होंने कहा मक्का, मूंग, जूट और उड़द की बीज अभी जिले को प्राप्त हुआ हैं. हालांकि उन्होंने कहा तकरीबन 212 क्विंटल बीज पूर्णिया के सभी अलग अलग शाखा को भेजा गया है. जो विभिन्न अलग-अलग प्रखंडों में भेजे जा चुके हैं. जिन किसान भाई ने आवेदन किया था उन्हें बीज भेज दिया जा रहा है. वह संबंधित किसानों को प्रखंड कार्यालय में बीज को दे रहे हैं.
यहां करें आवेदन
इसके लिए किसानों को बिहार सरकार के राज्य बीज निगम की वेबसाइट पर जाकर आवेदन करना होगा. जिला से किसानों के मोबाइल पर ओटीपी जाता है. वह ओटीपी लेकर प्रखंड के चिन्हित बीज विक्रेता के यहां जाकर वह सीधे तौर पर बीज प्राप्त कर सकते हैं. एक किसान को अधिकतम दो हेक्टेयर यानी 5 एकड़ तक के बीच उपलब्ध कराई जाती है. तो जिन किसान को लाभ चाहिए तो जल्द ही सारी प्रक्रिया पूरी कर बीज ले सकते हैं.
मिलेगा यह तीन बीज, लगेगा इतना रेट
जिला कृषि पदाधिकारी सुधीर कुमार कहते हैं किगरमा फसल के लिए मूंग, मक्का और जूट का बीज उपल्ब्ध है. मूंग का बीज 146.50 रुपए कीमत पर उपलब्ध है. जिसमें किसान को 80% सब्सिडी मिलेगी. यानी किसान को मात्र ₹35.40 पैसा प्रति किलो बीज उपलब्ध है. जूट की खेती के लिए 145 रुपए प्रति किलो जिसमें 50% सब्सिडी मिलेगा. जिसका 72 रुपए 50 पैसे सब्सिडी की लाभ मिलेगा. इस तरह से मक्का के बीज की कीमत 137 रुपए 50 पैसे है. उसमें 50% सब्सिडी है. यानी 68 रुपए 75 पैसे प्रति केजी बीज मिलेगा. अधिकतम एक किसान को 16 किलो बीज मिल सकता है.
.
Tags: Farming in India
FIRST PUBLISHED : February 25, 2024, 13:38 IST