किसान परेशान… हर साल कई राज्यों में करते थे सोयाबीन की सप्लाई, इस बार नहीं हो पा रही कमाई

शादाब चौधरी/मंदसौर. प्रदेश के सभी जिलों से मंदसौर में बाकी फसलों की अपेक्षा सोयाबीन का उत्पादन अत्यधिक मात्रा में होता है. प्रदेश के साथ देश कई राज्यों में सोयाबीन की सप्लाई भी मंदसौर से होती है. सालभर में सिर्फ एक बार आने वाली सोयाबीन की फसल इस बार किसानों के लिए चिंता का कारण बन गई है. पहले बारिश का न होना, फिर बाद में अत्यधिक बारिश होना और अब सोयाबीन की फसल के पर्याप्त भाव ना मिलना किसानों की मुश्किलें बढ़ा रहा है.

समूचे अंचल में समय पर बरसात का ना आना किसानों के लिए भी मुसीबत का सबब बन गया है. वक़्त पर बारिश नहीं होने और भीषण गर्मी के चलते सोयाबीन की फसल जलने लगी थी. किसान सोयाबीन की फसल को खेतों से बाहर लाने में जुटे ही थे कि अचानक बादलों ने बरसना शुरू कर दिया. ऐसे में किसान जैसे-तैसे अपनी सोयाबीन फसल को कृषि उपज मंडी तक लेकर पहुंचे, लेकिन सोयाबीन की फसल में नमी होने के कारण फसल के पर्याप्त दाम नहीं मिल पा रहे हैं.

कृषि उपज मंडी में सोयाबीन के भाव कम
मंदसौर शहर स्थित जिले की मुख्य कृषि उपज मंडी में सोयाबीन की फसल की आवक बेहद ही कम नज़र आ रही है. आमतौर पर देखा जाता है कि फसलों की आवक कम होने से भाव अधिक होता है, लेकिन सोयाबीन की फसल के साथ ऐसा देखने को नहीं मिला है. सोयाबीन फसल के भाव में पिछले साल के मुकाबले 1 हज़ार से 1500 रुपये प्रति क्विंटल तक गिरावट देखी जा रही है.

किसानों ने सुनाई पीड़ा
अपनी फसल बेचने कृषि उपज मंडी पहुंचे किसान आसिफ मंसूरी ने बताया कि पिछले साल सोयाबीन की पैदावार अच्छी होने के साथ भाव भी अच्छा था. इस बार पैदावार के साथ भाव में भी गिरावट है. पिछले साल 5500 से 6 हज़ार रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से सोयाबीन की बिक्री हुई थी जो कि इस बार घट कर 4 हज़ार रुपए प्रति क्विंटल रह गई है. आसिफ मंसूरी ने सरकार से मदद की अपील करते हुए कहा कि वक़्त पर बारिश ना होने और बाद में अधिक बारिश होने के चलते फसल खराब हुई है. यही वजह है कि सोयाबीन के भाव नहीं मिल रहे हैं.

किसानों ने सरकार से लगाई मदद की गुहार
किसान कैलाश दास बैरागी ने बताया कि सोयाबीन की फसल बारिश नहीं होने की वजह से खराब हो गई है. पिछले साल एक बीघा में करीब 5 क्विंटल सोयाबीन की पैदावार हुई थी, जो कि इस बार घटकर एक बीघा में महज़ एक क्विंटल ही रह गई है. इस बार सोयाबीन 4 हज़ार रुपए प्रति क्विंटल बिकी है पिछले साल इसी फसल का भाव लगभग 5500 रुपए प्रति क्विंटल था किसान कैलाश दास सरकार से हरसंभव मदद की दरख्वास्त कर रहे हैं.

सोयाबीन की फसल पर चलाया था रोटावेटर
जिला मुख्यालय से 20 किलोमीटर दूरी पर स्थित धुंधडका में एक किसान ने अपनी ही सोयाबीन की फसल पर ट्रैक्टर से हंकाई कर दी थी. धुंधडका निवासी अशोक धाकड़ ने करीब 5 बीघा की सोयाबीन फसल पर रोटावेटर चला दिया था. उस दौरान किसान का कहना था कि बारिश की वजह से पैदावार कुछ नहीं होगी और फसल कटाई का खर्च अधिक होता इसलिए रोटावेटर चलाया है.

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