किसान ने 450 बीघा में की आर्गेनिक जीरे की खेती, अब होगी 36000 क्विंटल फसल, बनेगा करोड़पति

मनमोहन सेजू/बाड़मेर: एक तरफ जहां कम जगह पर अधिक फसल उत्पादन के लिए लोग अपने खेतों में जहरीले रसायनों का जमकर उपयोग करते हैं और कुछ साल बाद इनके भयंकर दुष्परिणाम साफ नजर आते हैं, लेकिन इस दौर में भी कुछ अपनी जमीन अपने खेतों को इनसे बचाए हुए हैं. भारत- पाकिस्तान सीमा पर बसे बाड़मेर के एक युवा ने बिना किसी रसायन के उपयोग किए 450 बीघा जमीन पर जीरे की फसल को उगाकर कीर्तिमान रच दिया है.

बाड़मेर के युवा किसान विक्रम सिंह तारातरा ने ऑर्गेनिक जीरे की पहली बार खेती की है. अपने गांव  तारातरा में उन्होंने 450 बीघा में जीरे की खेती की है. इसके साथ उन्होंने 200 बीघा में इशबगोल की भी खेती की है. खारे पानी की वजह से यहां का जीरा दुबई सहित विदेशो में एक्सपर्ट किया जाता हैं. विक्रमसिंह ने अपनी फसल के लिए कई मल्टीनेशनल कंपनियों से भी संपर्क किया है.

थार नगरी बाड़मेर का ऑर्गेनिक जीरा करीब 450 रुपये में बिक रहा है. तारातरा अपने खेत में एक बीघा में 8 क्विंटल जीरे का उत्पादन ले रहे है. वह बताते है कि उन्होंने ना केवल जीरे का देशी बीज उपयोग में लिया है बल्कि देशी खाद का उपयोग करके खेत की उर्वरकता को भी बरकरार रखा है. किसान विक्रम सिंह बताते हैं कि  उनके द्वारा  151 किस्म के जीरे की बुआई की गई है. 450 बीघा में करीब 650 किलो जीरे की बुआई की गयी. वह बताते हैं कि प्रति बीघा में करीब 8 क्विंटल जीरे का उत्पादन होगा. ऐसे में करीब 3600 क्विंटल जीरे के उत्पादन की संभावना है.

विक्रम सिंह तारातरा युवाओ को ऑर्गेनिक खेती से जुड़ाव को लेकर कई नवाचार कर रहे है जिसकी तारीफ पूरे देश मे हो रही है. उनके आलू में नवाचारों को महामहिम राज्यपाल, उपराष्ट्रपति,जिला प्रशासन भी सरहाना कर चुके है. उनके काम को राज्य के मुख्यमंत्री, केबिनेट मंत्री, कई आईएएस,आईपीएस अधिकारियों ने जमकर तारीफ की है.

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