किसान आंदोलन : दो दौर की बातचीत नाकाम, तीसरी का इंतजार; 12 मांगों का कैसे होगा समाधान?

किसान आंदोलन : दो दौर की बातचीत नाकाम, तीसरी का इंतजार; 12 मांगों का कैसे होगा समाधान?

नई दिल्ली:

किसान आंदोलन (Farmers Protest) का आज दूसरा दिन है. किसानों को दिल्ली आने से रोकने के लिए दिल्ली की सभी सीमाएं सील हैं. सीमाओं पर लोहे और सीमेंट के बैरिकेड, कंटीली तारों के अलावा बड़े कंटेनर रख दिए गए हैं ताकि किसान दिल्ली की सीमा को पार न कर सकें. ये किसान आंदोलन क़रीब दो साल बाद नए सिरे से शुरू हुआ है. 2024 का ये किसान आंदोलन 2020-21 के साल भर चले आंदोलन से कई मायनों में अलग है. दो साल पुराना वो किसान आंदोलन मौजूदा आंदोलन से कहीं ज़्यादा बड़ा था और तब किसान सरकार को झुकाने में कामयाब रहे थे.

साल भर चले पिछले आंदोलन के दबाव में सरकार ने कृषि सुधार से जुड़े तीनों कृषि क़ानूनों को वापस ले लिया था और क़ानूनों पर नए सिरे से विचार के लिए कमेटी बना दी थी. लेकिन दो साल तक जब कुछ नहीं हुआ तो अब फिर क़रीब ढाई सौ किसान और मज़दूर यूनियन सरकार पर दबाव बनाने के लिए सड़कों पर उतरे हैं.

यह भी पढ़ें

किसानों को शंभू बॉर्डर पर ही रोक दिया गया है

इस बार इन किसानों को दिल्ली की सीमा तक पहुंचने ही नहीं दिया गया है. सरकार के साथ दो दौर की बातचीत नाकाम रहने के बाद ट्रैक्टरों, ट्रकों और क्रेनों के साथ निकले इन हज़ारों किसानों को इस बार पंजाब और हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर ही रोक दिया गया है.  शंभू बॉर्डर पर कल किसानों और पुलिस के जवानों के बीच भिड़ंत हुई थी जिसमें पुलिस के कई जवान और किसान दोनों ही घायल हुए. कई किसानों को पुलिस ने हिरासत में भी लिया. कल की ही तरह आज भी प्रदर्शनकारी किसानों को तितर बितर करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े. 

Latest and Breaking News on NDTV

पुलिस की तरफ से हो रहे हैं बल प्रयोग

कल पुलिस को रबर की गोलियां भी चलानी पड़ी थीं… आज जींद के खनौरी बॉर्डर पर भी हंगामा हुआ. दरअसल किसानों के पुराने आंदोलन से सबक लेते हुए हरियाणा सरकार इस बार पहले से ज़्यादा सख़्त है. दो साल पुराने किसान आंदोलन के दौरान 26 नवंबर, 2020 को किसान पंजाब-हरियाणा सीमा पर बैरिकेड तोड़ते हुए दिल्ली की सीमा तक पहुंच गए थे. इसलिए हरियाणा सरकार ने इस बार पंजाब से लगी अपनी सीमाओं को सील कर दिया है.

दिल्ली जाने वाले नेशनल हाइवे वन पर पड़ने वाले शंभू बॉर्डर पर 12 स्तरों पर बैरिकेड लगाई गई है.

फतेहाबाद, खनौरी, डबवाली और कई अन्य जगहों पर हाइवे पर ये बैरिकेड लगाए गए हैं. कई ज़िलों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है. उधर किसान भी इस बार ट्रैक्टर ट्रॉलियों के अलावा क्रेन लेकर भी आए हैं ताकि बैरिकेड हटा सकें. कल उन्होंने एक स्तर के बैरिकेड हटा भी दिए थे. हालांकि आज उन्होंने बैरिकेड नहीं हटाए.

Latest and Breaking News on NDTV

किसान और सरकार के बीच बातचीत लगातार हो रही है विफल

किसानों और सरकार के बीच दो दौर की बातचीत अब तक नाकाम हो चुकी है. न्यूनतम समर्थन मूल्य गारंटी क़ानून बनाने समेत किसानों की बारह मांगें हैं जिन्हें छह फरवरी को ईमेल के ज़रिए सरकार को भेजा गया. 8 फरवरी को कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा, उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय किसानों के दस सदस्यों के प्रतिनिधिमंडल से मिले. बैठक के संयोजक थे पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान. पहली बैठक सिरे नहीं चढ़ी तो दूसरी बैठक हुई लेकिन मान ने दूसरी बैठक में हिस्सा नहीं लिया.

Latest and Breaking News on NDTV

तीन केंद्रीय मंत्री किसानों के साथ कर रहे हैं लगातार बैठक

किसानों के 26 प्रतिनिधियों ने तीनों केंद्रीय मंत्रियों से मुलाक़ात की. आप और कांग्रेस ने किसानों को अपना समर्थन दिया है. बीजेपी और अकाली दल इस मामले में अभी तक चुप हैं. इस बीच आज एक बार फिर किसान प्रतिनिधियों की केंद्र सरकार से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए बातचीत हुई. इसके बाद सहमति बनी है कि तीन केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, पीयूष गोयल और कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा कल चंडीगढ़ में फिर किसान प्रतिनिधियों से बातचीत करेंगे.

Latest and Breaking News on NDTV

सरकार ने किसानों की मांग को लेकर क्या कहा? 

सरकार की तरफ से बातचीत को लेकर लगातार कदम उठाए जा रहे हैं. हालांकि केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि किसानों की मांगों की लिस्ट में लगातार नए मुद्दे जुड़ते जा रहे हैं. उनका कहना है कि भारत विश्व व्यापार संगठन – WTO से अपना नाम वापस ले.बिजली संशोधन बिल 2020 को रद्द किया जाए . सरकार किसानों की मांग पर खुले दिल से विचार करने के लिए तैयार है लेकिन उन्हें बातचीत करना के लिए आगे आना होगा. अनुराग ठाकुर के बयान का किसानों ने भी स्वागत किया है. 

ये भी पढ़ें-: 

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *