किसानों का यह घंटों का काम मिनटों में करेगा ड्रोन… सरकार ने शुरू की यह योजना

कुंदन कुमार/गया. किसान का अब घंटों का काम मिनटों में होगा. सरकार के पायलट प्रोजेक्ट के तहत रबी की खेती में ड्रोन के जरिए कीटनाशक छिड़काव करने के लिए जोर दिया जा रहा है. कृषि विभाग के डीबीटी पोर्टल पर निबंधित किसान इस योजना का लाभ ले सकते हैं. इसमें सरकार प्रति एकड़ किसानों को 250 रुपये अनुदान देगी. अधिकतम 10 एकड़ तक एक किसान ड्रोन से कीटनाशक छिड़काव पर सरकार से अनुदान ले सकते हैं. किसान तिलहन, दलहन के साथ आलू, मक्का और गेहूं पर कीटनाशक का छिड़काव करवा सकते हैं.

पौधा संरक्षण निदेशक सुजीत नाथ मल्लिक का कहना है कि कीट, खरपतवार, जीवाणु के कारण प्रतिवर्ष 35 प्रतिशत फसल की बर्बादी होती है. किसान पारंपरिक तरीके से अभी कीटनाशक का छिड़काव करते है. खुद से कीटनाशक का छिड़काव करने से इसके दुष्प्रभाव की जानकारी भी नहीं होती है. जबकि ड्रोन से छिड़काव करने पर पानी, श्रम और पूंजी की भी बर्बादी नहीं होगी. ड्रोन के उपयोग से कीटनाशक के छिड़काव से किसानों के स्वास्थ्य पर खराब प्रभाव नहीं पड़ेगा. एक एकड़ में महज आठ से दस लीटर पानी में कीटनाशक के छिड़काव का काम पूरा हो जाएगा.

10 हेक्टेयर तक के लिए मिलेगी यह सुविधा
गौरतलब है कि चतुर्थ कृषि रोड मैप के तहत राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अन्तर्गत 2023-24 के लिए जिले में कृषि काम को लेकर मानव रहित ड्रोन का उपयोग करने की स्वीकृति पौधा संरक्षण विभाग को मिल गई है. गया जिले में पहली बार रबी फसल में जिले के किसान सरकार द्वारा अनुदानित दर पर खेत में लगी फसल में ड्रोन के माध्यम से जैविक व रसायनिक उर्वरक व कीटनाशक दवा छिड़काव कर सकेंगे. एक किसान को अधिकतम 10 हेक्टेयर तक के लिए यह सुविधा दी जाएगी. पौधा संरक्षण विभाग के द्वारा इसको लेकर किसानों से ऑनलाइन आवेदन लिया जाएगा.

इतना मिलेगा अनुदान
आवेदन प्राप्त होने के बाद विभाग द्वारा स्थल निरीक्षण के बाद ड्रोन उपलब्ध कराकर विशेषज्ञों के माध्यम से छिड़काव कराया जाएगा. कोई भी किसान अपने खेत में लगे आम, लीची व उद्यानिक फसल में रोग से बचाव को लेकर ड्रोन से छिड़काव का लाभ उठा सकते है. इससे किसानों को कम खर्च के साथ उर्वरक का बचाव सहित फसल में एक समान खाद व कीटनाशक का छिड़काव होने से उत्पादन बेहतर होगा. छिड़काव शुल्क का 50 प्रतिशत अधिकतम 250 रुपये प्रति एकड़ अनुदान देय होगा. जिसमे अधिकतम 10 एकड़ के लिए प्रति किसान 2500 रुपये अनुदान दिया जाएगा. किसानों को छिड़काव के लिये उर्वरक व कीटनाशक दवा स्वयं उपलब्ध कराना होगा.

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