उधव कृष्ण/पटना. बच्चों में सीखने की क्षमता बहुत अधिक होती है. खासकर बचपन से किशोरावस्था में प्रवेश करने वाले बच्चों में किसी भी कला के प्रति रुझान को बड़ी आसानी से विकसित किया जा सकता है. ऐसे में अगर उन्हें अपने मन मुताबिक चुने गए किसी भी कला में विशेषज्ञों से मार्गदर्शन प्राप्त हो जाए, तो भविष्य में क्या कुछ संभव नहीं हो सकता है. जी हां, बिहार के बाल भवन यानी किलकारी में इस तरह की सारी व्यवस्थाएं मौजूद हैं.
किलकारी से ही प्रशिक्षण प्राप्त कर प्रशिक्षक बने आकाश कुमार बताते हैं कि कोई भी बच्चा जो 08 से 16 वर्ष के बीच का हो वो किलकारी में दाखिला ले सकता है. इसके लिए फोटो और आधार कार्ड व अन्य दस्तावेज की जरूरत पड़ती है. मूर्तिकार प्रमोद कुमार यादव बताते हैं कि बाल भवन की फीस मात्र 10 रुपए है. वे आगे बताते हैं कि चाहे यहां बच्चा आईएएस का हो या रिक्शे वाले का, उनमें कोई अंतर नहीं कर सकता है. बताते चलें कि मूर्तिकला सीखने वाले कई बच्चों को नेशनल स्कॉलरशिप भी मिल रही है. साथ ही कई बच्चों ने राजकीय व राष्ट्रीय स्तर पर कई अवॉर्ड भी जीते हैं.
8 से ज्यादा विधाओं में ले सकते हैं ट्रेनिंग
पटना के सैदपुर में प्रेमचंद रंगशाला के पास स्थित किलकारी में संगीत, अभिनय, ताईक्वोंडो, बैडमिंटन, पेंटिंग, आर्ट एंड क्राफ्ट, डांस, मूर्तिकला जैसे कई विषयों की ट्रेनिंग विशेषज्ञों द्वारा दी जाती है. आकाश कुमार ने ये भी बताया कि बच्चों के दाखिले के बाद पहले दो महीने उन्हें एक्सपोजर कोर्स कराया जाता है. उसके बाद उन्हें अपनी मनपसंद विधा चुनने को कहा जाता है. कोर्स पूरा होने पर बच्चों को एक शोधपत्र भी प्रस्तुत करना होता है. तब जाकर उन्हें किलकारी से प्रशिक्षण पूर्ण करने का सर्टिफिकेट दिया जाता है. बताते चलें कि पटना के अलावा प्रदेश के बाकी जिलों में भी ‘किलकारी’ का अपना भवन नौनिहालों के उज्ज्वल भविष्य के लिए तैयार किया जा रहा है.
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FIRST PUBLISHED : September 05, 2023, 20:32 IST