आशुतोष तिवारी/रीवा. विन्ध्याचल पर्वत श्रेणी की गोद में फैले हुए विंध्य क्षेत्र के मध्यभाग में बसा हुआ रीवा शहर प्रदेश के ऐतिहासिक शहरों में से एक है. इस शहर में बीहर नदी बहती है. इस नदी के किनारे भगवान शिव का ऐतिहासिक मंदिर है. इन मंदिरों में पचमठा धाम मंदिर भी शामिल है. पचमठा आदि गुरू शंकराचार्य की शरणस्थली रही है.आज पचमठा मंदिर रीवा को आध्यात्मिक केन्द्र के रूप में जाना जाता है. रीवा शहर में यह स्थान आस्था और भक्ति का प्रमुख केंद्र है. आदि गुरु शंकराचार्य की वजह से इस स्थान का महत्व और भी ज्यादा बढ़ गया है.
रीवा शहर में बीहर नदी के तट पर यह मंदिर स्थित है. यहां प्रकृति का अद्भुत नजारा देखने को मिलता है. साथ ही बीहर नदी में पंचमठा धाम को जोड़ते हुए देश का तीसरा रिवर फ्रंट तैयार किया गया है. इस मंदिर में बीहर नदी के तट पर गंगा आरती की तर्ज पर बीहर नदी की आरती की योजना बनाई जा रही है. इस सिलसिले में उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुल्क ने बताया कि 22 जनवरी को जब अयोध्या में भगवान श्री राम के भव्य मंदिर का लोकार्पण होगा, तब से यहां बीहर नदी और भगवान शिव की आरती का कार्यक्रम शुरू होगा. इस कार्यक्रम की शुरुआत करने की योजना राम दरबार संगठन बना रहा है.हमने उनका स्वागत किया है.
काशी की तर्ज पर रीवा में होगी आरती
उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने बताया कि जिस तरह से काशी में गंगा आरती होती है, चित्रकूट में मंदाकिनी मैया की आरती होती है, जबलपुर के ग्वारीघाट में नर्मदा आरती होती है. उसी तर्ज पर अब रीवा के ऐतिहासिक बीहर नदी में प्रतिदिन एक निश्चित समय में आरती होगी. निश्चित रूप से यहां के लोग इससे आकर्षित होंगे. एक बहुत ही अच्छा वातावरण भी यहां बनेगा और एक परंपरा भी स्थापित होगी.
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FIRST PUBLISHED : January 2, 2024, 15:24 IST