सर्वेश श्रीवास्तव, अयोध्या: मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम की नगरी अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर में भगवान राम के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की तैयारी युद्ध स्तर पर जारी है. इसी कार्यक्रम में भगवान के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में किस तरह की पूजा पद्धति का प्रयोग होगा, कौन-कौन से अनुष्ठान होंगे. इन सभी विषयों को लेकर ट्रस्ट ने देशभर के विद्वानों से सलाह मांगी थी. हालांकि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट भगवान राम के प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है. शायद यही वजह है कि अब काशी से विद्वानों का एक दल अयोध्या पहुंच गया है. पूजन समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यजमान होंगे.
इसकी अगवाई प्रसिद्ध ज्योतिष वैज्ञानिक गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ कर रहे हैं. उन्होंने श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय सहित अन्य पदाधिकारी से मुलाकात कर अनुष्ठान के समय और पूजा पद्धति पर चर्चा की है. इतना ही नहीं भगवान राम का प्राण प्रतिष्ठा राम मंदिर परिसर में किस जगह किया जाए कहां-कहां अनुष्ठान हो इन सब बिंदुओं पर स्थलीय निरीक्षण कर बारीकी से चर्चा की जा रही है.
मंदिर के प्रथम चरण का कार्य दिसंबर 2023 तक पूरा हो जाएगा और जनवरी 2024 के मकर संक्रांति के बाद 25 जनवरी के बीच में रामलला अपने भव्य मंदिर में विराजमान हो जाएंगे. जिसकी तैयारी अभी से युद्ध स्तर पर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट और विश्व हिंदू परिषद के पदाधिकारी ने शुरू कर दी. प्राण प्रतिष्ठा के दौरान पूरे देश में राममय वातावरण बनाने के लिए अयोध्या में बैठकों का दौर जारी है. अब वाराणसी से वरिष्ठ विद्वान की एक टोली धर्म नगरी अयोध्या में मौजूद है.
बनारस के ही विद्वानों ने राम जन्मभूमि परिसर में भूमि पूजन कराया था. अब सूत्रों की मानी तो बनारस के विद्वान ही भगवान राम लला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह का पूजन अर्चन भी करेंगे .
वाराणसी के श्रेष्ठ विद्वानों को भेजा
ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि प्राण प्रतिष्ठा पर क्या-क्या विधि विधान होंगे.कौन-कौन से धार्मिक पूजा पाठ होंगे, इन विषयों पर गंभीर चर्चा करने के बाद देखकर निर्णय होग. इन विषयों पर चर्चा करने के लिए कांची कामकोटि के जगतगुरु शंकराचार्य ने वाराणसी के श्रेष्ठ विद्वानों को भेजा है. वयोवृद्ध गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ काशी के ज्योतिष के क्षेत्र के एक पहचान के रूप में जाने जाते हैं, वह स्वयं अपने शिष्यों के साथ आए हैं और वह स्वयं इस पूरे कार्यक्रम को लेकर निर्णय लेंगे.
कर्मकांड के क्षेत्र के विद्वान लक्ष्मीकांत जी ने अपने शिष्यों को भेजा है. यह सभी गणमान्य व्यक्ति प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के समय और पूजा पद्धति और अनुष्ठान को लेकर निर्णय लेंगे. इसके बाद अंतिम निर्णय लेकर राम भक्तों को अवगत कराया जाएगा.
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FIRST PUBLISHED : September 12, 2023, 11:26 IST