काल भैरव को चढ़ानी हो शराब, तो उज्जैन नहीं यहां आइए, श्मशान के राजा को चढ़ाइए!

(विश्‍वदेव शर्मा), नीमच. अगर आप काल भैरव को प्रसन्न करना चाहते हैं और उन्हें शराब अर्पित करना चाहते हैं तो अब मध्य प्रदेश के उज्जैन नहीं नीमच आइए. यहां के प्राचीन मंदिर में काल भैरव बाबा वैसे ही शराब पीते हैं, जैसे उज्जैन में पिया करते थे. उज्जैन में अब बाबा काल भैरव को शराब चढ़ाना करीब-करीब बंद कर दिया गया है. नीमच के इस प्राचीन मंदिर में एक और चौंकाने वाली घटना हो रही है. यहां बाबा कालभैरव की मूर्ति के आकार में समय के साथ वृद्धि हो रही है. इसे भक्त चमत्कार मानते हैं. इसलिए बाबा कालभैरव के प्रति हजारों भक्‍तों की प्रगाढ़ आस्‍था और विश्‍वास है. मान्यता है कि बाबा कालभैरव के दर्शन मात्र से भक्‍तों की हर मुराद पूरी होती है. हर रविवार और अमावस्‍या को भगवान काल भैरव को सिंदूर का चोला भी चढ़ाया जाता है.

बता दें, यह मंदिर नीमच शहर के चौथखेड़ा रोड पर स्थित है. यहां बाबा काल भैरव को श्मशान का राजा के नाम से भी पुकारा जाता है. मंदिर के पुजारी पंडित मनोहर जोशी ने बताया कि पहले मंदिर काफी छोटा था. भगवान की मूर्ति का आकार भी छोटा था. लेकिन, समय के साथ मंदिर में भगवान की मूर्ति के आकार में वृद्धि हो रही है. यह अपने आप में चमत्‍कार है. मंदिर में रोज बड़ी संख्‍या में भक्‍त दर्शन के लिए आते हैं. रविवार को यह संख्‍या बहुत ज्यादा होती है. भक्‍तों के सहयोग से मंदिर का कायाकल्‍प 20 साल पहले कराया गया था. वर्तमान में मंदिर भव्‍य व अनुपम रूप ले चुका है. मंदिर का पगडंडीनुमा रास्ता भी अब पक्‍का और सुविधाजनक हो गया है. इससे भक्‍तों को आवागमन में किसी भी प्रकार की असुविधा नहीं होती है.

इस तरह की हैं मान्यताएं
पंडित जोशी के अनुसार बाबा कालभैरव व उनके चमत्‍कारों की एक लंबी फेहरिस्‍त है. मान्यता है कि यहां दर्शन से नि:संतान दंपत्तियों को संतान की प्राप्ति होती है. मनवांछित मन्‍नतें पूरी होती हैं. इसके बाद भक्‍त बाबा काल भैरव को अपने सामर्थ्‍य के अनुसार मदिरा, सिगरेट, बेसन के लड्डू सहित अन्‍य की प्रसाद चढ़ाते हैं. मंदिर में भक्‍त अपनी आस्‍था व विश्‍वास के अनुसार मान्‍यता पूरी होने पर प्रति रविवार व अमावस्‍या को सिंदूर का चोला भी चढ़वाते हैं. नि:संतान दंपत्ति संतान प्राप्‍त होने पर भगवान के मंदिर और नजदीक के पेड़ पर पालना व टोकरी बांधकर भगवान का आभार जताते हैं.

मंदिर में आती हैं घुंघरुओं की आवाज
बाबा कालभैरव के अन्‍य भक्‍त व पुजारी मनोहर जोशी का कहना है कि यदि भक्‍त सच्‍चे मन से मंदिर में बाबा काल भैरव के दर्शन व पूजन के लिए आते हैं तो उन्‍हें मंदिर में घुंघरुओं की आवाज सुनाई देती है. उन्‍हें अहसास होता है कि बाबा काल भैरव पैरों में घुंघरू बांधकर मंदिर में भ्रमण कर रहे हैं. यह घटनाक्रम कई बार भक्‍तों ने सुने व लोगों को सुनाए भी हैं. जोशी मोहल्‍ला निवासी पंडित मनोहर जोशी एम.ए. तक शिक्षित है. नीमच विधायक दिलीप सिंह परिहार के साथ एक अच्‍छे फुटबॉल के खिलाड़ी भी रहे हैं. सिटी स्‍पोर्ट्स क्‍लब के सदस्‍य भी रहे हैं. करीब 32 साल पहले वे काल भैरव मंदिर पर दर्शन करने गए तो उन्‍हें चमत्‍कार नजर आए. उनकी मन्‍नत भी पूरी हो गई. तभी से पंडित जोशी ने मंदिर में नियमित पूजा अर्चना शुरू कर दी. स्‍वयं के व्‍यय से बाबा को चोला भी चढ़ाना शुरू कर दिया. तबसे से अब तक निरंतर 32 साल से पंडित जोशी बाबा काल भैरव मंदिर के पुजारी हैं.

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