काले रंग की वजह से ठुकरा रही थीं एक्ट्रेस, छुप-छुपकर रोता था एक्टर, देवी बनकर आईं जीनत अमान, रातोंरात बना दिया स्टार

नई दिल्ली.  फिल्मों की चकाचौंध भरी दुनिया में नाम कमाना और फिर उस स्टारडम को कायम रखना बिल्कुल भी आसान नहीं है. बॉलीवुड में किसी भी एक्टर के स्टार बनने के लिए सिर्फ प्रतिभा काफी नहीं है. आज भले ही हिंदी सिनेमा में कई बदलाव देखने को मिल रहे हैं, लेकिन 70-80 के दशक में एक्टर्स को स्टार बनाने में उनकी प्रतिभा के साथ ही उनके लुक्स का भी बड़ा योगदान होता था. 70 के दशक में बॉलीवुड में एक ऐसे सुपरस्टार उभरे जिन्हें कभी उनके रंग-रूप के चलते फिल्मों में काम नहीं मिलता था, लेकिन फिर समय ने ऐसी करवट ली कि वह उस दौर के सभी लीडिंग एक्टर्स पर भारी पड़ने लगे. 

मिथुन चक्रवर्ती ने 1976 में क्रिटिक्स द्वारा प्रशंसित मृणाल सेन की फिल्म ‘मृगया’ से अभिनय की दुनिया में कदम रखा था. इस फिल्म में अपने शानदार अभिनय से उन्होंने दर्शकों के साथ ही क्रिटिक्स को भी मंत्रमुग्ध कर दिया था. ‘मृगया’ में लाजवाब अभिनय के लिए मिथुन चक्रवर्ती को ‘नेशनल फिल्म अवॉर्ड फॉर बेस्ट एक्टर’ मिला था. 

डेब्यू फिल्म के लिए नेशनल अवॉर्ड मिलना किसी भी एक्टर के लिए छोटी बात नहीं है. ऐसे में हर एक्टर को उम्मीद होती है कि पहली फिल्म से ही बेशुमार सफलता पाने के बाद उनके पास फिल्मों की लाइन लग जाएगी, लेकिन असल में मिथुन की परिस्थितियां इसके बिल्कुल उलट थीं. नेशनल फिल्म अवॉर्ड विजेता होने के बावजूद उन्हें इंडस्ट्री में कई बार रिजेक्शन झेलना पड़ा था. 

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काले रंग के चलते कोई नहीं करता था साथ काम
एक्टर ने अपने पुराने इंटरव्यूज में कई बार इस बात का जिक्र किया था कि स्टारडम पाने की उनकी राह बिल्कुल भी आसान नहीं थी. डेब्यू फिल्म से क्रिटिक्स की खूब वाहवाही लूटने के बाद भी एक्टर को फिल्म इंडस्ट्री में आसानी से काम नहीं मिलता था. मिथुन चक्रवर्ती ने बताया था कि उनके काले रंग की वजह से कोई भी टॉप एक्ट्रेस उनके संग काम करने को तैयार नहीं होती थी, ऐसे में जीनत अमान उनके लिए फरिश्ता साबित हुई थीं. 

जीनत अमान बनीं फरिश्ता
उस दौर में जब एक्ट्रेसेज मिथुन का नाम सुनते ही फिल्में रिजेक्ट कर दिया करती थीं, उस वक्त सिर्फ जीनत अमान ही थीं जों उन्हें ‘गुड लुकिंग’ समझती थीं. जीनत अमान ने मिथुन संग फिल्म करने के लिए हामी भर उनकी किस्मत पलट दी. एक्ट्रेस संग सुपरहिट फिल्म देने के बाद मिथुन चक्रवर्ती ने कभी अपने करियर में पीछे मुड़कर नहीं देखा. इस साल उन्हें हिंदी सिनेमा में उनके अतुलनीय योगदान के लिए पद्मभूषण अवॉर्ड के लिए चुना गया है.

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