काली हल्दी की खेती से इस किसान ने चमकाई अपनी किस्मत, टीवी शो से मिला था आइडिया, हो रही बंपर कमाई

नीरज कुमार/बेगूसराय: हमारे देश के किसान ना सिर्फ अन्नदाता हैं, बल्कि श्रम के भी देवता हैं. ऐसे हीं किसानों की प्रगति के लिए News18 पर अन्नदाता कार्यक्रम दिखाया जाता है. किसान इस कार्यक्रम को देखकर मोटिवेट होते हैं और खेती-किसानी में बेहतरी की दिशा में कदम बढ़ाते हैं. यह कहानी बिहार के बेगूसराय जिले के खोदावंदपुर के 21 साल के युवा किसान आर्यन सिंह की है.

आर्यन को लगता था कि खेती किसानी से मुनाफा कमाने के लिए पर्याप्त नहीं है, और इसलिए वह इसे छोड़कर आगे की पढ़ाई करने की सोचते थे. लेकिन, एक दिन उन्होंने अपने मोबाइल पर News18 के अन्नदाता कार्यक्रम में केले की खेती और रोग प्रबंधन के तरीकों के बारे में पढ़ा. इसके बाद आर्यन ने अपने दृष्टिकोण को बदल दिया और केले की खेती करना शुरू किया. उन्होंने जिले के सफल युवा किसानों में अपनी पहचान बनाई.

2 बीघा में केले और 10 कठ्ठे में शुरु की काली हल्दी की खेती
बेगूसराय जिला के फफोत पंचायत, मटिहानी गांव के वार्ड संख्या-19 में रहने वाले आर्यन सिंह ने एक प्रेरणादायक कदम उठाया है. वे पढ़ाई के दौरान विज्ञान संकाय से डिग्री पार्ट वन कर रहे थे, लेकिन जब उन्होंने अन्नदाता के काम को देखा, तो उन्होंने अपनी पढ़ाई छोड़ दी और केले की बागवानी में ध्यान दिया. उन्होंने तीन साल से भी अधिक समय से तीन बीघा से अधिक जमीन पर केले की बागवानी की शुरुआत की है. आर्यन सिंह को अपने काम के लिए जिला कृषि विज्ञान केंद्र खोदावंदपुर से सहायता मिली है, और सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली 75% सब्सिडी का भी लाभ मिल रहा है. उन्होंने कृषि विज्ञान केंद्र के सहयोग से पिछले 2 साल से काली हल्दी की भी खेती करना शुरू किया है. आर्यन सिंह की इस कदम से, वह न केवल अपने लिए बल्कि अपने क्षेत्र में किसानों के लिए भी एक सकारात्मक प्रतीक बने हैं, और वे खेती-किसानी में सफलता प्राप्त कर रहे हैं.

सलाना 8 लाख से ज्यादा की है आमदनी
युवा किसान आर्यन सिंह ने बताया कि तीन बीघा में केला की बागबानी में अमूमन 80 हज़ार से एक लाख तक की लागत आती है. जिला उद्यान कार्यालय से उपलब्ध कराए जा रहे जी-9 वैरायटी के केले की बागवानी कर रहे हैं. आर्यन ने बताया कि केले की बागवानी में 22 हजार तक का खर्च आ रहा है, जबकि बाकी राशि सब्सिडी के तौर पर मिल रही है. वहीं, 10 कट्ठे में काली हल्दी की खेती कर रहे हैं. काली हल्दी का बीज उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद शहर से उपलब्ध करवाया जा रहा है. आर्यन ने आमदनी का जिक्र करते हुए बताया कि केला और काली हल्दी की खेती से सालाना 10 लाख उत्पादन होता है. ऐसे में लागत मूल्य अगर घट भी जाए, तो भी तकरीबन आठ लाख से ज्यादा की आमदनी हो रही है.

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