परमजीत कुमार/देवघर. हर महीने की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्ट्मी का पर्व मनाया जाता है. कालाष्टमी के पर्व में भगवान शिव के एक स्वरूप काल भैरव की पूजा आराधना की जाती है. काल भैरव की पूजा हर महीनेइसलिए की जाती है क्योंकि काल भैरव जातक के जीवन में आने वाले सभी प्रकार के रोग, दोष, कष्ट और संकट को दूर करते हैं. ज्योतिषाचार्य की मानें तो इस साल कालाष्टमी के दिन बेहद दुर्लभ संयोग बनने जा रहा है. इस संयोग से जिस भी राशि के ऊपर शनि की साढ़ेसाती है. वह समाप्त हो जाएगी. कभी कभार ही ऐसा संयोग देखने को मिलता है.
देवघर के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित नन्द किशोर मुद्गल ने लोकल 18 को बताया कि कालाष्टमी हर महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है. इस साल के नवंबर महीने में कालाष्टमी 5 नवंबर को मनाई जाएगी. इस नवंबर महीने की कालाष्टमी के दिन बेहद शुभ संयोग बनने जा रहा है, जो कभी कभार दशकों के बाद ही बनता है. कालाष्टमी के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि पुष्य योग का निर्माण होने जा रहा है. रवि पुष्य योग में आप अगर काल भैरव की पूजा करते हैं. शनि मंदिर जाकर तिल का तेल अर्पण करते हैं तो आपके ऊपर शनि की साढ़ेसाती समाप्त हो जाएगी. इसके साथ ही जातक के जीवन में आने वाले रोग, दोष, कष्ट, संकट सभी तरह की समस्या समाप्त हो जाएंगी. वहीं तीन राशि के ऊपर शनि की साढ़ेसाती के कारण नकारात्मक प्रभाव पड़ा हुआ है. कालाष्टमी के बाद इनका समय अच्छा होने वाला है. इसके लिए कुछ उपाय करना होगा.
राशियों पर ये होगा असर
नवंबर के कालाअष्टमी के दिन बेहद दुर्लभ संयोग बनने जा रहा है. कालाष्टमी के दिन बेहद दुर्लभ संयोग बनने जा रहा है. सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि पुष्य योग. वहीं तीन राशि मकर, कुंभ और मीन जिसके ऊपर शनि की साढ़ेसाती चल रही है. यह तीन राशि जातकअगर कालाष्टमी के दिन शनि मंदिर जाकर सरसों का तेल अर्पण करें या तिल के तेल का दीपक जलाएं तो इन राशि के ऊपर शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव समाप्त हो जाएगी और सकारात्मक प्रभाव पड़ने लगेगा.
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FIRST PUBLISHED : November 3, 2023, 13:17 IST