कार्तिक माह में निकलेंगी महाकाल की पांच सवारी,मराठा कालसे चली आ रही है परम्परा

शुभम मरमट / उज्जैन. विश्व प्रसिद्ध बाबा महाकाल की नगरी उज्जैनीय मे हर पर्व बड़ी धूम धाम से मनाया जाता है. कार्तिक मास शुरु हो चुका है. कार्तिक शुक्ल पक्ष के पहले सोमवार 20 नवंबर को ज्योतिर्लिंग महाकाल की पहली सवारी निकलेगी. महाकाल की सावन-भादौ की तरह कार्तिक – अगहन मास में भी सवारी निकलने की परंपरा है. कार्तिक शुक्ल पक्ष के पहले सोमवार 20 नवंबर को इन सवारियों की शुरुआत हो जाएगी.

20 नवंबर को कार्तिक शुक्ल अष्टमी पर कार्तिक अगहन मास की पहली सवारी निकलेगी. इस दिन से महाकाल को चांदी की पालकी में विराजमान कर शिप्रा तट ले जाएंगे. 11 दिसंबर को महाकाल की शाही सवारी निकाली जाएगी.

मराठा कालीन परम्परा का आज भी है प्रभाव
महाकाल मंदिर में मराठा परंपरा का विशेष तौर पर प्रभाव है. महाराष्ट्रीयन परंपरा में शुक्ल पक्ष से माह का शुभारंभ माना जाता है. कार्तिक-अगहन मास में भी महाकाल की सवारी कार्तिक शुक्ल पक्ष के पहले सोमवार से शुरु होती है. इसी वजह से इस बार 20 नवंबर से सवारी निकालने की शुरुआत होगी.

गोपाल मंदिर में होगा हरि हर मिलन
कार्तिक अगहन मास में हरि हर मिलन सवारी भी निकलेगी. इसमें महाकाल भगवान गोपाल को सृष्टि का भार सौंपने के लिए गोपाल मंदिर जाते हैं. हरि हर मिलन की सवारी वैकुंठ चतुर्दशी पर 25 अक्टूबर की रात 11 बजे निकलेगी. मध्यरात्रि 12 बजे महाकाल का हरिहर से मिलन होगा. परंपरानुसार पूजा के बाद महाकाल की सवारी पुन: मंदिर के लिए रवाना होगी.

कार्तिक अगहन मास में सवारी
1 – 20 नवंबर पहली सवारी
2 – 25 नवंबर रात 11 बजे हरिहर मिलन सवारी
3 – 27 नवंबर दूसरी सवारी
4 – 04 दिसंबर तीसरी सवारी
5 – 11 दिसंबर कार्तिक-अगहन मास की शाही सवारी

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