कार्तिक माह के ये 5 दिन दिलाएंगे पूरे महीने का फल, मां लक्ष्मी बरसाएंगी धन!

अनुज गौतम/सागर. भगवान विष्णु को समर्पित स्नान-दान के पवित्र माह कार्तिक के 5 दिन शेष रह गए हैं. इसका समापन 27 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा पर होगा. पूरे माह 30 दिन तक कार्तिक स्नान और व्रत का पालन नहीं कर पाने वाले भक्तों के लिए यह पांच दिन बहुत ही महत्वपूर्ण बताए गए हैं. इनमें देवउठनी एकादशी, द्वादशी, त्रयोदशी, बैकुंठ चतुर्दशी एवं कार्तिक पूर्णिमा शामिल हैं. इन तिथियों पर किए जाने वाले स्नान-दान, दीपदान से अक्षय पुण्य और भगवान की कृपा प्राप्त होती है. इस पूरे माह में ब्रह्म मुहूर्त में स्नान का विशेष महत्व माना गया है.

मान्यता है कि कार्तिक के पूरे महीने में सूर्योदय के पहले उठकर नदी तालाब में स्नान और दान करने से बैकुंठ लोक की प्राप्ति होती है. पं. चतुर्भुज पांडे ने बताया कि कार्तिक व्रत का 12 वर्ष का संकल्प होता है. वहीं, पं. लक्ष्मीनारायण शास्त्री ने बताया कि इस दिन घाट पर स्नान कर गाय के गोबर से लीपना चाहिए. रंगोली बनाकर भगवान श्री गणेश का पूजन करने से दश दिगपाल प्रसन्न होते हैं. यह हमारे विभिन्न अंगों की रक्षा करते हैं.

प्रबोधिनी एकादशी
पं. यशोवर्धन चौबे ने बताया कि दिन भर उपवास रखकर शाम को गन्ने के मंडप में भगवान शालिग्राम और माता तुलसी का विवाह कराना चाहिए. रात्रि जागरण कर भजन-कीर्तन करने से वैष्णो पद प्राप्ति होती है.

द्वादशी पूजन
पं. केशव गिरि महाराज ने बताया कि कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वादशी पर भगवान दामोदर और गौ-माता का पूजन करना चाहिए. जल से भरे हुए घड़े में सुपारी, स्वर्ण-रजत धातु डालकर दान करने से भगवान प्रसन्न होते हैं. इससे घर में लक्ष्मी का वास होता है और साल भर धनवर्षा होती है. साथ ही विष्णु लोक की प्राप्ति होती है.

त्रयोदशी पूजन
पं. रामगोविंद शास्त्री ने बताया कि इस दिन सुबह उठकर प्रदोष काल में स्नान करना चाहिए. 32 दीपक प्रज्वलित कर भगवान शिव का पंचाक्षर स्त्रोत से अभिषेक और मौन व्रत धारण करने से माता गौरी प्रसन्न होती हैं. मां पार्वती के आशीर्वाद से धन-संपदा की प्राप्ति होती है.

बैकुंठ चतुर्दशी
पं. सनत कुमार खंपरिया ने बताया कि कार्तिक शुक्ल पक्ष की बैकुंठ चतुर्दशी पर अरुणोदय काल में भगवान विश्वनाथ का पूजन करें. इस दिन हरि और हर का मिलन होता है. दोनों ही गंगाजी में जलक्रीड़ा करते हैं. इस दिन पंचगव्य और गंगाजल से स्नान करने से मनुष्य को सभी प्रकार के रोगों से मुक्ति मिलती है.

कार्तिक पूर्णिमा
पं.शिवनारायण शास्त्री ने बताया कि कार्तिक पूर्णिमा को स्नान दान करने से ब्राह्मण तत्व की प्राप्ति होती है. इस दिन भगवान कार्तिकेय के दर्शन कर प्रदोष काल में दीपदान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है.

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