कार्तिक मास है शुभकारी,पवित्र नदी में स्नान करने से पूरी होंगी सभी इच्छाएं

अर्पित बड़कुल/ दमोह: मध्य प्रदेश का बुंदेलखंड इलाका अपनी प्राचीन संस्कृति और सभ्यता के लिए अभी भी अग्रसर है. यहां हिन्दू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कार्तिक मास में इस धरती के पालनहार भगवान विष्णु मत्स्यके रूप में जल में निवास करते हैं. ऐसे में कार्तिक महीने में सूर्योदय से पहले उठकर किसी पवित्र नदी, तालाब में स्नान करना बहुत ही शुभ फलदायी माना जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ऐसा करने से साधक को मोक्ष की प्राप्ति होती है और उसके सभी पाप धुल जाते हैं. इस महीने में घर की स्त्रियां सूर्योदय से पहले उठकर पवित्र नदी में स्नान करती है, इससे भक्तों के सारे पाप धुल जाते हैं और मोक्ष जाने का रास्ता साफ हो जाता है.

तेंदूखेड़ा नगर के वार्ड नंबर 11 मेंकार्तिक मास में भगवान विष्णु की आराधना करने वाली महिलाओं ने एकजुट होकर बाके बिहारी लाल का पूजन कर उन्हें भोग लगाया इतना ही नहीं यह पूजन नित्य दिन चलता है. इसमें महिलाएं इकट्ठा होकर पहले तुलसी पूजन करती हैं जिसके बाद भजन कीर्तन किया जाता है. दूसरे दिन समस्त महिलाएं एकजुट होकर कार्तिक पूर्णिमा के दिन स्नान करने नर्मदा मैया के लिए निकल जातीं है.

कार्तिक मास में बाके बिहारी लाल का पूजन है फलकारी
पंडित कमलेश मिश्रा के अनुसार कार्तिक माह में तुलसी माता का पूजन किया जाए. साथ ही जलाशय और नदी में मौजूद जल का उपयोग सोच समझकर करना चाहिए. वृक्ष कबहुं न¨ह फल भखैं, नदी न संचै नीर, परमारथ के कारने साधुन धरा शरीर ‘ कबीर का यह दोहा हमें परोपकार की भावना का संदेश देता है. वृक्ष लगाने मात्र से ही वह हमारे पालनहार बन जाते हैं. इनके अंदर छिपे तमाम गुण हमें तमाम रोगों की औषधि तो देते ही हैं, साथ ही हमें प्राणवायु भी इन्हीं से मिलती है. सरोवर, नदियों के तटों पर कार्तिक मास में इसलिए स्नान करना चाहिए नदियों में सभी जगह का जल होता है जिस वजह से इन्हें पवित्र माना गया है. समस्त तीर्थ स्थलों का पुण्य अर्जित करने के लिए माताएं, बहने, गोपी और सखियां कृष्ण जी को पाने के लिए सूर्योदय से पहले प्रातः काल उठकरजलाशय में स्नान करती है.

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