बिट्टू सिहं/सरगुजाः सनातन धर्म में कार्तिक मास को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है. इस माह की समाप्ति कार्तिक पूर्णिमा के साथ होती है. इस दिन विशेष रूप से लोग गंगा स्नान करते हैं और इसे बहुत शुभ माना जाता है. कार्तिक पूर्णिमा 27 नवंबर यानी सोमवार को मनाई जाएगी. कार्तिक पूर्णिमा के दिन चंद्रमा अपने पूरे आकार में होता है और सनातन धर्म के अनुसार, इस दिन दान, स्नान और सूर्यदेव को अर्घ्य देने का विशेष महत्व माना जाता है. इस दिन भगवान सत्यनारायण की पूजा भी की जाती है. पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस दिन भगवान शिव ने राक्षस त्रिपुरासुर का संहार किया था, इसलिए इस तिथि को त्रिपुरा तिथि के नाम से भी जाना जाता है.
अंबिकापुर के ज्योतिष पंडित योगेश नारायण मिश्र ने बताया कि कार्तिक मास की पूर्णिमा माता लक्ष्मी के बहुत ही फलदायनी होती हैं. जिस तरह कार्तिक मास के अमावस्या के दिन मां लक्ष्मी की पूजा होती है. इस दिन भी माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है और विशेष रूप से खीर का प्रसाद चढ़ाया जाता है. इस प्रकार के कार्यों से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और धन संपत्ति प्रदान करती हैं.
माता तुलसी को करें दीप दान
कार्तिक मास की एकादशी से पूर्णिमा तक माता तुलसी का विवाह का दिन होता है. कुछ लोग एकादशी को तुलसी विवाह करते हैं, वहीं कुछ लोग कार्तिक पूर्णिमा को भी करते हैं. इसलिए पूर्णिमा के दिन माता तुलसी को दीप दान किया जाता है. ऐसा करने से आप रोग बीमारी से बच सकते हैं.
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FIRST PUBLISHED : November 26, 2023, 22:08 IST