कान के पर्दे फाड़ देती हैआवाज,दुम दबाकर भाग लेतेहैं जानवर,किसान ने बनाई जुगाड़

अनुज गौतम/ सागर.जिले के कई इलाकों में किसान जानवरों की वजह से परेशान है. जानवर खेतों में आने की वजह से उनकी फसले बचने नहीं दे रहें हैं. ऐसे में अपनी फसलों को बचाने के लिए किसानों ने अनोखी तरकीब निकाली है. इस तरकीब की मदद से किसान अपनी फसलों को पशु पक्षियों और जंगली जानवरों से बचाने में सफल हुए हैं.

किसानों का यह देसी जुगाड़ किफायती और नायाब है. इसमें खेत के चारो तरफ़ मेड पर जो बारगा के साथ लकड़ी के खूंटे लगे रहते हैं. उन्हें पर कांच की बोतल, लोहे का 1 नट और प्लेट नुमा प्लास्टिक के टुकड़े को इस तरह से बांधते हैं की हवा चलने पर जब प्लास्टिक घूमती है. तो लोहे का नट कांच से टकराता है. तो टन टन की जोरदार आवाज निकलती रहती है, आवाज सुनकर डर से ही फसल नष्ट करने वाले जानवर खेतों के पास नहीं आती है.

इस तरह से करते हैं देशी यंत्र तैयार
इसमें कांच की बॉटल के ऊपरी हिस्से को रस्सी से बांधते हैं. इसके साथ में एक लोहे का नट या लोहे की पत्ती इसी की बराबरी से बोतल से ही बांधते हैं. इसमें एक प्लास्टिक की हल्की प्लेट साथ होती हैं. जो बोतल और नट से नीचे लटकी रहती हैं. इस तरह से जानवर भगाने का जुगाड़ यंत्र खेतों में लगाया है. हल्की हवा के सहारे भी स्वतः प्लास्टिक घूमती है और कांच की बॉटल से लटक रहे लोहे के नट के घुमने से टन टन की जोरदार आवाज निकलती रहती है.

हिरण, नीलगाय से परेशान
इसके साथ ही यहां पर बरसात बोरी भी इन्हीं लकड़ी के खंभों पर बांधी गई है जिन्हें देखकर भी जानवर डरते हैं रानगिर के जंगलों के पास पाटई गांव है जहां के किसान गेहूं, मशूर और चना की परंपरागत खेती करते हैं. लेकिन यहां पर हिरण, जंगली सूअर, रोज, नील गाय,आवारा मवेशी फसले खा जाते हैं. और उन्हें परिवार का गुजर बसर करने के लिए परेशानी होती है ऐसे में फसलों को बचाने के लिए यह देसी जुगाड़ अपनाया है.

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