कातिल बना जिगर का टुकड़ा: जमीन में नहीं मिला हिस्सा तो मां-बाप को कुल्हाड़ी से मारा, वजह सुनकर हर कोई हैरान

औरैया जिले के दिबियापुर कोतवाली क्षेत्र में बुजुर्ग-दंपती की हत्या के बाद हत्यारोपी रमाकांत की पत्नी ऊषा देवी ने जो कहानी बताई। उसके अनुसार उन्हें केवल दो बेटियां होने के कारण न तो बेची गई जमीन से आए लगभग 50 लाख रुपये में से कोई हिस्सा दिया गया और न ही पिछले दिनों बांटी गई चार बीघा जमीन में कोई हिस्सा मिला। हिस्सा पाने के लिए वह गिड़गिड़ाते थे, लेकिन कोई सुनता नहीं था।

ऊषा देवी के अनुसार तीन वर्ष पहले कलक्टरी रोड पर स्थित लगभग डेढ़ बीघा जमीन उनके ससुर ने बेची थी। मगर उनके पति को इसमें कोई हिस्सा नहीं दिया था। लगभग तीन माह पहले गांव की चार बीघा जमीन में से दो-दो बीघा जमीन दोनों छोटे भाइयों में बांट दी गई। इसमें भी उनके पति को कोई हिस्सा नहीं दिया गया। इसके बाद कई रिश्तेदारों से अपना हिस्सा दिलाने की मांग की।

कई बार झगड़े हुए, थाने में भी प्रार्थना पत्र दिए, लेकिन कोई कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई। थक हारकर बृहस्पतिवार की सुबह उनके पति मोबाइल घर पर छोड़कर कहीं चले गए। ऊषा देवी ने बताया कि दोनों देवरों के एक-एक बेटा है। उनकी केवल दो बेटियां हैं। इसी के चलते बंटवारे में उन्हें कुछ नहीं मिलता था। हालांकि ऊषा देवी ने दावा किया कि उनके पति ने बुजुर्ग माता-पिता की हत्या नहीं की है।



झगड़े के कारण रमाकांत को नहीं दिया कोई हिस्सा

बुजुर्ग दंपती के सबसे छोटे बेटे सर्वेश ने बताया कि शादी के बाद से ही उनके बड़े भाई रमाकांत घर में बंटवारे को लेकर विवाद करने लगे। आए दिन माता पिता से झगड़ा और मारपीट करना उनकी आदत में शामिल हो गया था। इसी से आजिज आकर माता-पिता ने जिंदा रहते रमाकांत को जमीन में कोई हिस्सा न देने की बात कही थी।


दोनों बेटों के नाम लिखा दी थी जमीन

लगभग तीन माह पूर्व पिता ने गांव स्थित अपनी चार बीघा जमीन में से दो बीघा जमीन उनके बेटे प्रिंस के नाम एवं दो बीघा जमीन मझले भाई उमाकांत के नाम लिख दी थी। गांव में स्थित एक बीघा जमीन को एक एक वर्ष तीनों भाई जोतते थे। पिता को सवा बीघा जमीन फफूंद के गांव भोला का पुर्वा में मिली थी, जबकि मां के नाम मायके में ढाई बीघा जमीन थी। जीवित रहते यह जमीन किसी को न देने की बात माता-पिता ने कही थी।


पुलिस करती कार्रवाई, तो न होती वारदात

जमीन के बंटवारे को लेकर गांव पुरानी दिबियापुर निवासी दंपती और उनके बेटों में विवाद का सिलसिला काफी समय से चल रहा है। लगभग तीन वर्ष पहले विवाद और तेज हो गया, जब कलक्ट्री रोड स्थित जमीन बिकी। जमीन बिक्री का रुपया बुजुर्ग दंपती और उसके दो बेटों में ही बंट गया। सबसे बड़ा बेटा खाली हाथ रह गया। इसके बाद तीन माह पहले चार बीघा जमीन के बंटवारे में भी रमाकांत खाली हाथ रह गया।


किसी को नहीं जोतने देगा जमीन

इस बीच जुलाई माह में शेष बची एक बीघा जमीन में सर्वेश के जोतने का नंबर आया, तो रमाकांत ने साफ कह दिया कि अब जमीन को वह किसी को नहीं जोतने देगा। इस पर सर्वेश ने थाने में शिकायती पत्र दिया। दो दिन पहले बुधवार सुबह भी रमाकांत और ऊषा देवी का रामजानकी और श्यामलाल से विवाद और मारपीट हुई। दोनों पक्षों ने घटना की शिकायत थाना पुलिस से की थी।


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