खरगोन. कसरावद के बीजेपी नेता संजय जायसवाल को तीन साल के सश्रम कारावास की सजा सुनायी गयी है. इसी के साथ उन्हें अर्थदंड से भी दंडित किया गया है. उनके साथ तीन और लोगों को अदालत ने सजा सुनायी है. मामला 2018 के विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस प्रत्याशी सचिन यादव के वाहन पर पथराव का है. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा इस तरह के कृत्य से लोकतांत्रिक व्यवस्था कमजोर होती है.
मध्य प्रदेश में 2018 के विधानसभा चुनाव के दौरान कसरावद प्रत्याशी के वाहन पर हमला करने वाले चार लोगों को न्यायालय ने दोष सिद्ध होने पर 3.3 वर्ष के सश्रम कारावास और अर्थदंड से दंडित किया है. इनमें भाजपा नेता संजय जायसवाल और उनके तीन साथी शामिल हैं. सभी को अदालत ने सजा सुनायी.
27 नवंबर 2018 की घटना
पैरवीकर्ता हरेसिंह पाण्डर ने बताया कसरावद विधायक प्रत्याशी सचिन यादव 27 नवंबर 2018 को कार क्रमांक एमपी 10 सीए 5007 से ग्राम भोईन्दा होकर कठोरा, चिचली जा रहे थे. उनके साथ पीए नरेन्द्र भार्गव, सुरक्षा गार्ड सुरेश वर्मा और वाहन चालक सलाउद्दीन थे. ग्राम भोईन्दा में संजय और राजपाल ने उनकी गाड़ी चिचली रोड पर अदलपुरा फाटे के पास रोकी. इसके बाद उन्होंने गाड़ी पर पत्थर मारे जिससे उनकी गाड़ी का पिछला कांच फूट गया.
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संजय जायसवाल चिल्लाए आग लगाओ…
इसके बाद संजय जायसवाल ने हाथ में केन लेकर खड़े लोगों से चिल्लाकर बोला कि घासलेट डालकर आग लगा. इतना कहकर यादव साथियों के साथ गाड़ी से वहां से तेजी से भागकर चले गए. उनकी गाड़ी का पीछा भी किया. यादव ने सुबह मतदान होने एवं अराजकता नहीं फैले इसलिए मतदान की प्रक्रिया से निवृत्त होने के बाद् रिपोर्ट दर्ज कराई. थाना बलकवाडा ने जांच के बाद अभियोग पत्र न्यायालय कसरावद में प्रस्तुत किया.
अदालत की सख्त टिप्पणी
अदालत ने टिप्पणी की कि उक्त अगर दोषियों के कृत्य को देखा जाये तो यह कुछ व्यक्तियों द्वारा कुछ व्यक्तियों के विरूद्ध किया गया अपराध नहीं था. यह एक समूह द्वारा दूसरे समूह पर किया गया हमला मात्र भी नहीं था. यह हमला भारतीय लोकतांत्रिक व्यवस्था पर था. चुनाव प्रणाली पर था, हर उस नागरिक की सोच पर था जो चाहता है कि चुनाव निष्पक्ष होने चाहिए. अगर दोषीगण को लगा भी था कि फरियादी ने आचार संहिता का कोई उल्लंघन किया है तो भी चुनाव आयोग, प्रशासनिक अधिकारियों, पुलिस और मीडिया के पास जाने के तमाम विकल्प उनके पास खुले थे. परन्तु ऐसा न कर जो कृत्य उन्होंने किया वह निश्चित ही लोकतांत्रिक व्यवस्था को कमजोर करने वाला है.
सख्ती से निपटना ही उपाय
अदालत ने अपने फैसले में कहा जो लोग निवर्तमान विधायक प्रत्याशी के विरुद्ध ऐसी घटना कर सकते हैं, उनकी सोच निश्चित ही अलोकतांत्रिक है. ऐसी सोच के साथ सख्ती से निपटकर ही लोकतंत्र को कमजोर होने से बचाया जा सकता है. ऐसे में न्यायालय की कोई हमदर्दी दोषीगण के साथ नहीं है और उन्हें उचित दण्ड दिया जाना समीचीन है. न्यायाधीश विवेक जैन ने इस केस में दोषी पाए गए राहुल पिता भारत, संजय पिता गुलाबसिंह और शैलेन्द्र पिता उमेदसिंह निवासी भोईन्दा को 03.03 वर्ष के सश्रम कारावास से दंडित किया है.
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Tags: Bjp madhya pradesh, Court
FIRST PUBLISHED : November 7, 2023, 18:35 IST