(अमित शर्मा), मुरैना. मध्य प्रदेश के मुरैना जिले से बड़ी खबर है. यहां कुछ लोग नकली कागजात बनाने के लिए बाकायदा फर्जी रजिस्ट्रार कार्यालय चला रहे थे. यहां जमीनों की फर्जी रजिस्ट्रियां होती थीं. पुलिस की टीम ने चार आरोपी भी दबोचे हैं. लेकिन मास्टरमाइंड चकमा देकर भागने में सफल हो गया. मौके पर 40 नकली रजिस्ट्री के अलावा रजिस्ट्रार कार्यालय के दो रजिस्टर भी मिले हैं. इनमें नौ साल पुरानी रजिस्ट्रियों के रिकॉर्ड हैं. तहसीलदार कुलदीप दुबे की शिकायत पर कोतवाली थाने में 11 जनवरी की देर शाम एफआइआर दर्ज हुई. दरअसल, मुरैना तहसील में बीते कुछ महीनों से नामांतरण के लिए फर्जी रजिस्ट्रियां पहुंचने के मामले सामने आ रहे थे.
तहसीलदार से लेकर कलेक्टर तक इस मामले से हैरान रह गए. यह मामला उस वक्त सामने आया, जब बीते महीने फर्जी रजिस्ट्री के आधार पर तहसीलदार कुलदीप दुबे ने एक जमीन का नामांतरण भी कर दिया. शिकवे शिकायत और जांच के बाद फर्जी रजिस्ट्री पर हुए नामांतरण को रद्द कर दिया गया. इसके बाद फर्जी रजिस्ट्री करने वालों की तलाश में प्रशासन की टीमें जुट गईं. 11 जनवरी की दोपहर तहसीलदार कुलदीप दुबे ने शहर के सभी हल्का पटवारियों व कोतवाली टीम को साथ लेकर गोपालपुरा की दीक्षित गली के एक घर में दबिश दी. इस मकान के एक हिस्से में फर्जी रजिस्ट्रार कार्यालय चलता मिला. मौके पर 40 नकली रजिस्ट्रियां, रजिस्ट्रार कार्यालय के अधिकारी-कर्मचारी व शाखाओं के नाम की 25 से ज्यादा सीलें, टाइप राइटर, स्टांप व रजिस्ट्री में उपयोग होने वाले कईयों तरह के फर्जी दस्तावेज पकड़े गए.
पुलिस के आने से पहले मुख्य आरोपी फरार
इस पूरे मामले को लेकर तहसीलदार कुलदीप दुबे का कहना है कि कुछ दिन से फर्जी रजिस्ट्रियों के नामांतरण के मामले अधिक आ रहे थे. इस पर जब हमने जांच की तो पता चला कि एक फर्जी रजिस्ट्री करने का गिरोह यहां पर सक्रिय है. इसके बाद आज हमने कलेक्टर के निर्देश अनुसार कोतवाली पुलिस की मदद से गोपालपुर स्थित संजीव कुलश्रेष्ठ नाम के व्यक्ति के कार्यालय पर दबिश दी. यहां से संजीव तो भागने में कामयाब हो गया. लेकिन, उसके कुछ अन्य साथियों को पकड़ लिया है. उनसे कुछ सामग्री भी बरामद हुई है. यहां से कुछ नकली रजिस्ट्रियां भी बरामद हुई हैं. इनके आधार पर कोतवाली पुलिस विवेचना कर रही है.
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FIRST PUBLISHED : January 12, 2024, 08:49 IST