कुंदन कुमार/गया. मंगलवार, 5 दिसंबर को भैरव अष्टमी पर्व मनाया जाएगा. यह दिन भगवान भैरव और उनके सभी रूपों को समर्पित होता है. भगवान भैरव को भगवान शिव का एक रूप माना जाता है. इस दिन भगवान भैरव को कई रूपों में पूजा जाता है और उनके मुख्य 8 रूप बताए जाते हैं. इन रूपों की पूजा से भगवान अपने सभी भक्तों की रक्षा करते हैं और उन्हें विभिन्न आशीर्वाद प्रदान करते हैं. गया मंत्रालय वैदिक पाठशाला के पंडित राजा आचार्य के अनुसार, भगवान भैरव के 8 मुख्य रूपों की पूजा करने से भक्तों को विभिन्न आशीर्वाद मिलते हैं और उनकी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.
कपाल भैरव
इस रूप में भगवान का शरीर चमकीला होता है, और उनकी सवारी हाथी होती है. इस रूप में भगवान भैरव का चेहरा विशेष रूप से प्रकाशमान होता है. उनके एक हाथ में त्रिशूल, दूसरे में तलवार, तीसरे में शस्त्र, और चौथे में पात्र पकड़े होते हैं. इस रूप की पूजा और अर्चना करने से कानूनी कार्यों में रुकावटें दूर होती हैं और अटके हुए कार्य पूरे हो जाते हैं.
क्रोध भैरव
क्रोध भैरव भगवान का शरीर गहरे नीले रंग का होता है और उनकी तीन आंखें होती हैं, जो अत्यंत भयानक दृष्टि से भरी होती हैं. इस रूप में भगवान का वाहन गरुण है, जो दक्षिण-पश्चिम दिशा के स्वामी माने जाते हैं. क्रोध भैरव की पूजा-अर्चना करने से सभी परेशानियां और बुरे समयों से लड़ने की क्षमता में वृद्धि होती है, और भक्तों को उनकी दृढ़ता और साहस में सहायता मिलती है.
असितांग भैरव
असितांग भैरव भगवान गले में सफेद कपालों की माला पहने हुए हैं और हाथ में भी एक कपाल धारण किया हुआ है. इस रूप में भगवान की तीन आंखें हैं, जिनमें ज्ञान और विद्या की अद्भुतता प्रकट होती है. असितांग भैरव की सवारी हंस (स्वान) है, जो शांति और सुकून का प्रतीक है. इस रूप में भगवान भैरव की पूजा-अर्चना करने से मनुष्य की कलात्मक क्षमताएं बढ़ती हैं और उसे ज्ञान, विद्या, और शांति की प्राप्ति होती है.
चंद भैरव
इस रूप में भगवान की तीन आंखें हैं और उनकी सवारी मोर है, जो सौंदर्य का प्रतीक है. चंद भैरव एक हाथ में तलवार और दूसरे में पात्र, तीसरे में तीर और चौथे हाथ में धनुष लिए हुए हैं. इस रूप की पूजा करने से शत्रुओं पर विजय मिलती है और व्यक्ति को हर बुरी परिस्थिति से लड़ने की शक्ति मिलती है. चंद भैरव की कृपा से भक्तों को साहस और समर्थन की आवश्यकता होती है.
गुरू भैरव
गुरु भैरव हाथ में कपाल, कुल्हाडी, और तलवार पकड़े हुए है. यह भगवान का नग्न रुप है और उनकी सवारी बैल है. गुरु भैरव के शरीर पर सांप लिपटा हुआ है. गुरु भैरव की पूजा करने से अच्छी विद्या और ज्ञान की प्राप्ति होती है.
संहार भैरव
संहार भैरव नग्न रुप में है, और उनके सिर पर कपाल स्थापित है. इनकी तीन आंखें हैं और वाहन कुत्ता है. संहार भैरव की आठ भुजाएं हैं और शरीर पर सांप लिपटा हुआ है. इसकी पूजा करने से मनुष्य के सभी पाप खत्म हो जाते है.
उन्मत भैरव
उन्मत भैरव शांत स्वभाव का प्रतीक है. इनकी पूजा-अर्चना करने से मनुष्य की सारी नकारात्मकता और बुराइयां खत्म हो जाती है. भैरव के इस रुप का स्वरूप भी शांत और सुखद है. उन्मत भैरव के शरीर का रंग हल्का पीला हैं और उनका वाहन घोड़ा हैं.
भीषण भैरव
भीषण भैरव की पूजा-अर्चना करने से बुरी आत्माओं और भूतों से छुटकारा मिलता है. भीषण भैरव अपने एक हाथ में कमल, दूसरे में त्रिशूल, तीसरे हाथ में तलवार और चौथे में एक पात्र पकड़े हुए है. भीषण भैरव का वाहन शेर है.
.
Tags: Bihar News, Dharma Aastha, Gaya news, Latest hindi news, Local18
FIRST PUBLISHED : December 4, 2023, 12:37 IST