कलयुग के हनुमान! भगवान श्रीराम के लिए 30 सालों से चल रहे नंगे पांव, जानें उनका क्या है प्रण

धीरज कुमार/किशनगंज: एक कहावत है कि \”रघुकुल रीत सदा चली आई प्राण जाए पर वचन न जाई…ऐसा ही वचन बिहार के किशनगंज के रहने वाले एक श्रीराम भक्त देबू दास ने लिया. देबू दास 1992 से लगातार अयोध्या में भगवान राम के मंदिर निर्माण होने तक प्रण किया कि जब तक भगवान राम के मंदिर का निर्माण नहीं हो जाएगा, तब तक वो नंगे पांव ही रहेंगे. उन्होंने तब से नंगे पांव चलना शुरू किया और आज तक जारी है. वो इसे श्रीराम मंदिर की उद्घाटन के दिन अपना संकल्प पूरा करेंगे. वहीं अब उनका संकल्प भगवान श्रीराम जल्द ही पूरा करने वाले है, जो कि जनवरी 2024 में अयोध्या में भव्य श्री राम मंदिर का उद्घाटन होने जा रहा है. एक तरफ भगवान रामलला मंदिर में विराजमान होंगे और फिर वही दूसरी तरफ देबू दा अपनी 30 साल की कठिन तपस्या पूरी करेंगे.

देखा कि रामलीला एक टेंट में थे…
श्रीराम भक्त देबू दास ने बताया कि 1993 में जब वह कार सेवा में रामलीला की जन्मभूमि अयोध्या पहुंचा, तो उन्होंने देखा कि रामलीला एक टेंट में हो रही थी, तभी उन्होंने प्रण लिया कि जब तक अयोध्या में भगवान श्रीराम का मंदिर का निर्माण नहीं हो जाएगा, तब तक वह नंगे पांव ही चलेंगे. बस तभी से लेकर अब तक वह नंगे पांव चल रहे हैं और तपस्या में लगे हुए हैं. वहीं इसके अलावा सामाजिक कार्यों में भी बढ़-चढ़ कर भाग लेते हैं. देबू दा राष्ट्रीय स्वयंसेवक से जुड़े हुए हैं. इसके साथ-साथ, उन्होंने बताया कि वह अब तक 39 बार रक्तदान कर चुके हैं. वही 3000 से ज्यादा पौधे भी लगा चुके हैं.

नशा मुक्ति को लेकर किशनगंज में नौजवानों को लगातार जागरूक करने का प्रयास कर रहे हैं. 22 जनवरी को राम मंदिर के  उद्घाटन में वह जाएंगे, अगर प्रभु श्री राम की कृपा होगी तो. उन्होंने आगे बताया कि हम अकेले नहीं अपने साथ के भी कई लोगों को लेकर जाएंगे और तभी जाकर मेरी प्रतिज्ञा पूरी होगी.

39 बार यह राम भक्त कर चुके हैं रक्तदान
श्री राम भक्त देवउदा हर सामाजिक कार्यों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं. वही राम भक्त होने के साथ-साथ लोगों के दुखों में भी खड़े होते हैं. वही 39 बार रक्तदान कर चुके हैं. उन्होंने आगे कहा कि हम 51 बार रक्तदान का भी प्रतिज्ञा लिए हैं 51 बार रक्तदान करेंगे.

3000 से ज्यादा लगा चुके हैं पौधे
राम भक्त होने के साथ-साथ वह प्रकृति प्रेमी भी हैं, जो की 3000 से ज्यादा पौधे लगा चुके हैं. मंदिरों में इसके साथ-साथ स्कूलों में भी वही किशनगंज में किसी के जन्मदिन पर वह पौधे गिफ्ट करते हैं. नौजवानों को पौधे लगाने के लिए प्रेरित भी करते हैं. वह आगे कहते हैं कि हमें धार्मिक होने के साथ-साथ पर्यावरण के प्रति भी जागरूक होना चाहिए, ताकि प्रकृति की सौंदर्यता बनी रहें.

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