बेंगलुरु:
कर्नाटक के बड़े और मध्यम उद्योग मंत्री एम.बी. पाटिल ने सोमवार को आश्वासन दिया कि अब से कर्नाटक औद्योगिक क्षेत्र विकास बोर्ड (केआईएडीबी) द्वारा विकसित औद्योगिक क्षेत्रों में 24.1 प्रतिशत भूमि नियमों के अनुसार दलित उद्यमियों के लिए आरक्षित की जाएगी।
कर्नाटक दलित उद्यमी संघ के कार्यकारी अध्यक्ष श्रीनिवास के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल के साथ बुलाई गई बैठक में उन्होंने कहा कि नियमों का उल्लंघन नहीं होने दिया जाएगा।
प्रतिनिधिमंडल ने मंत्री का ध्यान इस ओर दिलाया कि नियमों के मुताबिक केआईएडीबी-विकसित औद्योगिक क्षेत्रों में दलित उद्यमों के लिए 24.1 प्रतिशत आरक्षण अनिवार्य है, लेकिन प्रभावी आवंटन केवल 16 प्रतिशत है। श्रीनिवास ने कहा, विशेष रूप से बेंगलुरु शहर, बेंगलुरु ग्रामीण और कोलार जिले के 12 औद्योगिक क्षेत्रों में दलित उद्यमियों को 653 एकड़ जमीन आवंटित की जानी बाकी है।
इसके जवाब में मंत्री ने कहा कि जिन औद्योगिक क्षेत्रों में पहले से ही उद्यम स्थापित हैं, वहां कुछ नहीं किया जा सकता। हालांकि, आगे बढ़ते हुए 24.1 प्रतिशत भूमि पड़ोसी औद्योगिक क्षेत्रों में दलित उद्यमियों के लिए आरक्षित की जाएगी।
उन्होंने कहा कि सरकार इस मुद्दे के प्रति प्रतिबद्ध है और संबंधित अधिकारियों को मानदंडों का पालन करने का निर्देश दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि एसोसिएशन के साथ आगे भी चर्चा की जाएगी।
मंत्री पाटिल ने कहा कि दलित उद्यमियों के प्रति असमान व्यवहार का मुद्दा मौजूदा प्रशासन से भी पहले का है और पिछली सरकारों के दौरान भी कायम रहा है। उन्होंने प्रतिनिधिमंडल को आवश्यक कार्रवाई का भी आश्वासन दिया। बैठक में प्रमुख सचिव-उद्योग एस. सेल्वाकुमार और केआईएडीबी के सीईओ डॉ. महेश मौजूद थे।
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