दिलीप चौबे/कैमूर : किसान अपने खेतों में सीज़न के अनुसार फसल उगाने के लिए बेहद सावधानी और योजनाबद्ध तरीके से काम करते हैं. सब्जियों की मांग हर सीजन में रहता है. किसान भी इस मांग को भांप कर अब सब्जी की हीं खेती करने लगे हैं और मुनाफा भी कमा रहे हैं.
वहीं सब्जी में करेला की खेती किसानों के लिए बेहतर विकल्प है. करेला औषधीय गुणों से भरपूर होता है और बाजार में इसकी मांग हमेशा बनी रहती है. कैमूर जिला अंतर्गत चैनपुर प्रखंड स्थित अवखरा गांव रहने वाले युवा किसान विवेक कुशवाहा भी करेला की खेती कर बेहतर मुनाफा कमा रहे हैं.
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नेट विधि से कर रहे हैं करेला की खेती
युवा किसान विवेक कुमार ने बताया कि विवेक ने पारंपरिक फसल के साथ-साथ हरी सब्जियों की भी खेती कर रहे हैं. उन्होंने बताया किनेट विधि से कर रहे हैं करेला की खेती कर रहे हैं. इससे पैदवार अधिक होता है. उन्होंने बताया किरात के 2 बजे ही खेतों में करेला तोड़ने पहुंच जाते हैं और सुबह 4 बजे तक करेला को लेकर मंडी पहुंच जाते हैं.
उन्होंने बताया कि इस बार 10 बिस्से में करेला की खेती कर रहे हैं. करेला का बीज 40 से 45 दिनों में तैयार हो जाता है. वहीं 10 बिस्से में करेला की खेती करने पर लगभग 20 हजार का लागत आया है. शुरुआती दौर में 40 से 50 रुपए प्रति किलो बिका. अब यह रेट घटकर 30 रुपए किलो तक आ गया है.
ढाई महीने में डेढ़ लाख की हुई कमाई
विवेक ने बताया कि बचपन से हीं किसानी के प्रति जुनून था. उन्होंने बताया कि करेला तोड़ने का काम रात के समय करते हैं और सुबह तक यह काम पूरा कर लेते हैं. प्रत्येक 4 दिनों के अंतराल पर एक से डेढ़ क्विंटल करेला खेत से निकलता है. विवेक ने बताया कि दो से ढाई महीने की खेती में ही एक से डेढ़ लाख तक की कमाई कर चुके हैं. करेला की खेती में बेहतर मुनाफा हुआ इसलिए अब दो बीघा में इसकी खेती करेंगे. उन्होंने बताया कि मेहनत और प्रतिबद्धता के चलते सब्जी की खेती में बेहतर मुनाफा हुआ है.
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FIRST PUBLISHED : November 20, 2023, 21:38 IST