गौरव सिंह/भोजपुर. आपने अक्सर लोगों को यह कहते सुना होगा कि इंसानियत खत्म हो गई है, लेकिन आरा के इस मामले को जानकर आप यह कह उठेंगे कि अभी भी इस दुनिया में इंसानियत बची है. आज भी ऐसे इंसान हैं, जो दूसरे के दुख से दुखी होते हैं. आरा में कुछ ऐसी ही तस्वीर देखने को मिली. आरा शहर के नवादा थाना क्षेत्र के हरिजी के हाता मोहल्ले में करंट से जख्मी बंदर को युवकों के ओर से हाथों-हाथ उठा कर सदर अस्पताल लाया गया. इमरजेंसी वार्ड में जख्मी बंदर को ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने पशु अस्पताल ले जाने की सलाह दी.
यह है पूरा मामला
इंसानियत की मिसाल देते युवकों ने दिखाया कि यहां सिर्फ इंसान नहीं बल्कि जानवरों के जीवन का भी मोल है. बिजली पोल पर चढ़ रहे बंदर को करंट लगा. वो नीचे गिर गया. जिसके बाद तुरंत एक दो नहीं बल्कि कई राहगीर एकत्रित हो बंदर को उठा लिए और रिक्शा से उसे आरा सदर अस्पताल ले आए. यहां आने के बाद राहगीरों को पता चला कि जानवरों का अस्पताल कोई और होता है, जिसके बाद जख्मी बंदर को मवेशी अस्पताल ले कर गए.
अपनी गोद में उठाकर लाया अस्पताल
जब वह ज़मीन पर गिरा, तो लोगों की भीड़ तैयार थी उसकी सहायता करने के लिए. तभी कुछ युवकों ने उसे अपनी गोद में उठाया और आरा सदर अस्पताल ले जाने का निर्णय लिया. युवकों की आंखों में बंदर के लिए सहानुभूति और दुःख का अभास था. इलाज के दौरान, युवक ने अपने हाथों से जख्मों पर मरहम लगाया और सदर अस्पताल में बंदर का ख्याल रखा. जब उसे बेहतर इलाज की आवश्यकता थी, युवक ने उसे पशु चिकित्सालय भेजने का निर्णय लिया. इसके बाद, युवक ने बंदर को सदर अस्पताल से लेकर पशु चिकित्सालय तक पहुंचाया और वहां उसे उच्च-स्तरीय इलाज प्रदान किया गया. जख्मी बंदर ने इलाज के दौरान अपनी स्थिति में सुधार दिखाया और उसके दर्द में कमी हुई. यह घटना दिखाती है कि इंसानियत और सहानुभूति का अभाव नहीं है और हमें सभी जीवों के प्रति दया और समर्पण की दिशा में काम करना चाहिए.
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FIRST PUBLISHED : November 27, 2023, 19:32 IST