करवा चौथ में पूजा की थाली का है विशेष महत्व, इस बाजार में उपलब्ध है कलेक्शन

शशिकांत ओझा/पलामू. हिन्दू धर्म में सभी पर्व त्यौहारों की अलग अलग मान्यता और महत्व होता है. इनमें से कई पर्व ऐसे हैं, जिसमें सुहागिन महिलाएं अपने पति के लिये व्रत रखती हैं. जिसमें से एक है करवाचौथ का त्योहार, जिसमें सुहागिन महिलाएं अपने पति के लिए पूरा दिन निर्जला उपवास रखती हैं. वहीं शाम में 16 श्रृंगार से तैयार होकर चंद्र दर्शन के बाद पति के हाथों अन्न ग्रहण करती हैं. इस पर्व में पूजा की थाल का बड़ा महत्व है. जिसमें पूजा की सामग्री के साथ फल, फूल और मिठाइयों से सजाई जाती है. यह पूजा थाल बाजारों में भिन्न भिन्न तरह के डिजाइन में उपलब्ध हैं.

करवाचौथ की थाली 150 से शुरू
मेदिनीनगर के बाजारों में करवाचौथ की थाली मिल रही है, एल आई सी बिल्डिंग रोड में रूप रंग में पूजा थाल सेट महज 150 रुपए से शुरू है. इसके साथ पर्व को लेकर थाली में 10% की छूट भी दी जा रही है. इस दुकान में पूजा थाल 150 से लेकर 1000 रुपए तक के उपलब्ध है. पूजा थाल सेट में एक तरह तरह के रंग बिरंगे कपड़े गोटा पट्टी से सुसज्जित थाली, चलनी और लोटा होता है, जो इस पूजा में बेहद महत्व रखता है. इस दुकान में लरी लटकन और लैश से सजी सैकड़ों थालियां सजी हुई है. पुराने ग्राहकों द्वारा इसकी ज्यादा डिमांड की जा रही है. थाली को वॉल्वेट के कपड़े से सजाया जाता है. वहीं चलनी और लोटे को भी ठीक उसी तरह सजाया जाता है.

करवाचौथ पर पूजा थाली का विशेष महत्त्व
करवा चौथ पर सजी थाली खास महत्व रखती है. इस पूजा में इसे सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है. जिसे इ बाया भी कहा जाता है. इस दिन महिलाएं चंद्रोदय तक निर्जला उपवास रखती हैं. वहीं महिलाएं माता करवा से अपने पति और परिवार की लम्बी उम्र की कामना करती हैं. इस दिन भगवान शिव और पार्वती की पूजा की जाती है और रात को चंद्र देव के दर्शन करने के बाद व्रत खोला जाता है. जिसमें करवा चौथ की थाली का इस्तेमाल करके ही पूजा की जाती है. इसमें पूजा की सामग्री जैसे अबीर गुलाल, सिन्दूर, रोली, दिया, तरह तरह की मिठाई, सूखे मेवे रखे जाते हैं.

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