करवा चौथ पर पहली बार रख रही हैं व्रत, भूलकर भी ना करें ये 5 गलतियां

विकाश पाण्डेय/सतना. करवाचौथ का पावन व्रत नजदीक है, इस बार करवाचौथ 1 नंबर यानी बुधवार को है. इस दिन सभी माताएं, बहनें अपने पति की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य के लिए करवाचौथ का कठोर निर्जला व्रत रहती हैं. इस व्रत की शुरुआत सूर्योदय से पहले सरगी लेकर की जाती है और सूर्यास्त के बाद चांद को अर्घ्य देकर पति के हाथों से व्रत खुलता है.

सतना चित्रकूट के पण्डित देवानंद जी ने बताया कि करवाचौथ का पहली बार व्रत करने वाली महिलाएं या युवतियां अक्सर भूलवश या जानकारी के अभाव में कुछ गलतियां कर देती हैं. जिसकी वजह से उन्हें व्रत का पूर्ण फल नहीं मिलता. इसलिए इन 5 बातों पर विशेष ध्यान दें, ताकि आपका व्रत निर्विघ्न रुप से सफल हो और आप मनोवांछित फल की प्राप्ति करें.

1. व्रत प्रारंभ और सरगी का नियम
व्रत करवाचौथ के दिन सूर्योदय के बाद शुरू होता है. इससे पहले सास के हाथों से सरगी लेकर खानी होती है, क्योंकि पूरे दिन निर्जला व्रत रहना होता है, इसलिए सूर्योदय से पहले सरगी लेकर खाएं. अगर सूर्योदय के बाद आपने सरगी खाई तो व्रत खण्डित माना जाएगा. सरगी खाने का उत्तम समय प्रातः 4 बजे के पहले है.

2. इन दो कलर के वस्त्र ना करें धारण
आधुनिकता और सुंदर दिखने की होड़ में हम कई बार पूजा करते समय काले और सफेद रंग के कपड़े पहन लेते हैं. कभी-कभी अज्ञानतावश राशि का शुभ रंग सफेद और काला होने से भी हम इन्हीं कलर के कपड़े पहन लेते हैं. जबकि सुहागिन महिलाओं को सफेद और काला रंग पूजन कार्यक्रमों में पहनने की मनाही है और अशुभ भी. इसलिए करवाचौथ को लाल, हरी, पीली, गुलाबी, नारंगी कलर की साड़ी पहननी चाहिए.

3.सोलह श्रृंगार का धारण
यह व्रत सुहाग की रक्षा के लिए रखना होता है. ऐसे में इस दिन सुहागिन महिलाओं को सोलह श्रृंगार करने की विशेष मान्यता है. जिसमें लाल चुनरी, बिंदी, काजल, चूड़ियां, नथ, अंगूठी, कंगन, हार, मंगलसूत्र, बिछिया, पायल, सिंदूर, सोने चांदी के विशेष आभूषण और हाथों में मेंहदी पैरों में महावर जैसे सभी श्रृंगारों की बड़ी मान्यता है. इसलिए सोलह श्रृंगार अवश्य करें और फिर पूजा में बैठें.

4.पूजा के समय पौराणिक कथा नहीं सुनना.
करवाचौथ की पूजा और व्रत दोनों बिना कथा के अधूरे हैं. मान्यता है कि मां भगवती की महिमा की कथा सुने बिना आप पूजन करती हैं तो आपकी पूजा व्यर्थ मानी जायेगी, इसलिए भूलकार भी यह गलती ना करें और मां करवा की कथा अवश्य सुनें, ताकि व्रत लाभ प्राप्त हो सके .

5. झगड़े से बचें और बड़ों का आशीर्वाद लें
सुहागिन महिलाओं को करवाचौथ व्रत के दिन किसी से झगड़ा नहीं करना चाहिए खासतौर पर पति से, नहीं तो यह व्रत फलदायी नहीं होगा. साथ ही अपने बड़ों का पूजा के बाद आशीर्वाद लें. तभी पूजा संपन्न मानी जायेगी.

(नोट: यह सभी मान्यताएं कहानियों और मन्यताओें पर आधारित हैं. लोकल 18 इनकी पुष्टि नहीं करता)

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