शशिकांत ओझा/पलामू. कल करवा चौथ का पर्व है. महिलाएं इसके लिए तैयारी में जुटी हैं. यदि आप अपनी पत्नी पत्नी के साथ रोमांटिक मूड में इस पर्व को सेलिब्रेट करना चाहते है और सैर सरावा का प्रोग्राम बना रहे हैं तो मेदिनीनगर शहर के नजदीक पार्क है में घुमने के साथ माउंटेन का भी मजा ले सकते हैं. इस पार्क के पहाड़ से सटे होने के कारण प्रकृति नजारे भी दिखेंगे.
पलामू जिला मुख्यालय मेदिनीनगर के रांची रोड में स्थित चियांकी पार्क आप के लिएअपने पार्टनर के साथ घूमने का अच्छा विकल्प हो सकता है. सबसे खास तौर पर इस पार्क में माउंटेन का मजा लोगों को मिलता है. वहीं इस पहाड़ की चढ़ाई से शहर का नजारा बेहद खुसूरत लगता है. इस पार्क को प्रसिद्ध 501 फिट ऊंचा चियांकी पहाड़ से सटा बनाया गया. जिसका चढ़ाई करना लोगों को बेहद पसंद आता है. जहां से शहर की प्राकृतिक और भागौलिक खूबसूरती देखने योग्य है.पार्क में आए लोगों को पहाड़ की ऊंचाई से ठंडी हवाओं के बीच बैठकर समय गुजारना भी एक अलग अहसास देता है.
झूले का ले सकते हैं मजा
चियांकी पार्क पर्यटक स्थलों में उदगम माना जाता है. दो एकड़ में फैला इस पार्क में पार्टनर के साथ प्रकृति के बीच रोमांस करने हेतु काफी अच्छा स्थान है. पार्क में एंट्री फीस 10 रुपए है.वहीं 5 साल तक के बच्चो के लिए कोई एंट्री फीस नहीं है.पार्क में बच्चो के लिए मनोरंजन हेतु झूले मौजूद है. यह पार्क सुबह 10 बजे से शाम 7 बजे तक खुला रहता है. वहीं पार्क में कैंटीन की भी सुविधा है जहां स्नैक्स और खाने पीने की चीजे मिलती है. हर दिन निगम क्षेत्र और ग्रामीण क्षेत्र से लोग यहां घूमने पहुंचते है. पार्क में बुजुर्गो के लिए बैठने की सुविधा और ओपन जिम भी है.
बाबा योगिराज पहाड़ के नाम से प्रसिद्ध है यह पहाड़
मंदिर के प्रथम पुजारी दीपक तिवारी ने कहा कि पहाड़ की ऊंचाई पर स्थित मंदिर का इतिहास प्राचीनतम है.जहां गुफा में भगवान शिव विराजमान है.मान्यता है की पहाड़ की चढ़ाई कर जो श्रद्धालु सच्चे मन से मनोकामना मांगता है. उसकी मनोकामना पूरी हो जाती है. इस पहाड़ को बाबा योगिराज पहाड़ के नाम से जाना जाता है. पहाड़ की ऊंचाई पर पूर्व दिशा में स्थानीय बैगा द्वारा योगिराज बाबा की पूजा अर्चना की जाती है. किसी जमाने में घनघोर जंगल के सबसे ऊपर बाबा योगिराज विराजमान थे. जहां श्रद्धालु पूजा अर्चना करने जाते थे.मान्यता ये भी है की इतनी ऊंचाई पर श्रदालुओ के मांग के बाद से योगिराज बाबा अपना स्थान बदल लिए जहां श्रद्धालु आसानी से जा सके.योगिराज बाबा ने नाम से प्रसिद्ध इस पहाड़ के पश्चिम दिशा में एक पत्थर पर लिखा है बाघ गुफा. जहां दो गुफा की ओर चिन्ह बनाया गया है. जहां किसी जमाने में बाघ रहा करते थे.कहा जाता है किसी जमाने में घंगोरे जंगल के बीच इस पहाड़ी के गुफा में दो बाघ रहा करते थे. जहां सिर्फ अब गुफा को देखने भी लोग आते है. यहां से भी शहर का नजारा देखने योग्य है.वहीं ऊंचाई पर शिव-पार्वती सह राधाकृष्ण मंदिर स्थित है. जहां श्रद्धालु सुबह से शाम तक पूजा पाठ करने आते है. महाशिवरात्रि और सावन में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है.
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FIRST PUBLISHED : October 31, 2023, 18:32 IST