रामकुमार नायक/रायपुरः सनातन धर्म में करवा चौथ व्रत का बेहद महत्व होता है. इस बार करवा चौथ का पर्व 1 नवंबर, कल मनाया जाएगा. करवा चौथ पर चंद्रमा के दर्शन का विशेष महत्व होता है. दरअसल, यह व्रत ही चंद्रमा के दर्शन के साथ पूरा होता है. ऐसे में करवा चौथ के दिन शाम होते ही महिलाएं और उनके परिवार चंद्रमा के उदय का बेहद इंतजार करते हैं, जिसे व्रत के समापन के साथ ही देखा जाता है.
छत्तीसगढ़ के बसना स्थित समलेश्वरी मंदिर के पंडित सुरेश पाणिग्राही ने बताया कि चंद्रमा मन का कारक होता है और इसका सनातन धर्म में विशेष महत्व है. चंद्रमा लोगों को शीतलता प्रदान करता है और भगवान भोलेनाथ नें भी अपने मस्तक पर चंद्रमा को धारण किया हुआ है, इसलिए करवा चौथ पर गौरी शंकर की पूजा का विशेष महत्व होता है.
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पंडित सुरेश पाणिग्राही ने बताया कि छत्तीसगढ़ में करवा चौथ के दिन, यानी 1 नवंबर, बुधवार को, रात के 8 बजकर 12 मिनट पर चंद्रमा उदय हो जाएगा. इस समय में सुहागिनों को चंद्रमा के दर्शन हो जाएंगे. उन्होंने कहा कि चंद्रमा उदय के समय अर्घ्य देना बेहद शुभ माना जाता है, इसलिए समय का विशेष ध्यान रखना चाहिए. चंद्रमा के उदय होने के साथ ही कई विशेष योग भी बनते हैं, जिसमें अगर चंद्रमा को अर्घ्य दिया जाए, तो व्रत पूरा माना जाता है. यही नहीं, व्रत का विशेष लाभ भी पति-पत्नी दोनों को मिलता है.
(नोटः ये सभी मान्यताएं धार्मिक मान्यताओं और ज्योतिषाचार्य पर आधारित है, इसकी न्यूज 18 पुष्टि नहीं करता है)
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FIRST PUBLISHED : October 31, 2023, 13:29 IST