गुलशन कश्यप/जमुई. अपनी पति की लंबी आयु और उनके खुशहाल जीवन के लिए महिलाएं करवा चौथ का व्रत रखती हैं. इस दिन चांद को अर्घ्य देने की परंपरा है. महिलाएं पूरे दिन निर्जल उपवास रखकर चांद को अर्घ्य देने के बाद करवा चौथ का व्रत खोलती है. लेकिन इस दिन कई बातों का खास ख्याल रखने की आवश्यकता है. इस दिन विशेष रंग के कपड़े पहनने की मनाही है और सही मुहूर्त के अनुसार ही चांद को अर्घ्य देना चाहिए. ज्योतिषाचार्य मनोहर आचार्य बताते हैं कि इस दिन महिलाएं चंद्रमा पूजन के साथ अर्घ्य दें, इससे करवा चौथ का व्रत पूरा होता है.
उपवास रखने का मुहूर्त
ज्योतिषाचार्य मनोहर आचार्य बताते हैं कि वैदिक पंचांग के अनुसार इस साल कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 31 अक्टूबर (मंगलवार) की रात 9:30 से प्रारंभ हो रहा है और यह तिथि 1 नवंबर (बुधवार) को रात 9:19 पर समाप्त होगा. उदया तिथि और चतुर्थी के चंद्रोदय के आधार पर करवा चौथ का व्रत 1 नवंबर (बुधवार) को रखा जाएगा. इस दिन महिलाओं को 13 घंटे 42 मिनट तक निर्जला उपवास रखना पड़ेगा. व्रत सुबह 6:33 से रात 8:15 का होगा. 1 नवंबर (बुधवार) की शाम में पूजा के लिए महिलाओं को 1 घंटे 18 मिनट का सर्वार्थ सिद्धि योग का शुभ समय प्राप्त होगा. करवा चौथ पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 5:36 से शाम 6:54 तक का है. करवा चौथ के दिन चंद्रोदय रात 8:15 का होगा, इसी समय चंद्रमा पूजन के साथ अर्घ्य देना सही रहेगा.
इस रंग के कपड़े का ना करें इस्तेमाल
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि करवा चौथ के दिन महिलाओं को कुछ रंगों से परहेज करना चाहिए. उन्होंने कहा कि महिलाओं को इस दिन सफेद वस्त्र धारण नहीं करना चाहिए. सफेद वस्त्र शुभ माना गया है, लेकिन करवा चौथ के दिन किसी भी हाल में व्रत रखने वाली महिलाओं को सफेद रंग का कपड़ा नहीं धारण करना चाहिए. मना जाता है कि सफेद कपड़े विधवा महिलाएं पहनती हैं. साथ ही उन्हें काले रंग से परहेज करना चाहिए. मंगलसूत्र में पिरोए गए काले मोतियों के अलावा उनके शरीर पर काले रंग का कोई भी परिधान नहीं होना चाहिए. इन बातों का ख्याल रखकर करवा चौथ करने से इसका पूरा लाभ व्रती को मिलता है.
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FIRST PUBLISHED : October 25, 2023, 17:12 IST