करवा चौथ के कलश को इस दिन न करें विसर्जित, वरना अधूरी मानी जाएगा पूजा!

परमजीत कुमार/देवघर. करवा चौथ के दिन सुहागिन महिलाएं पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखती हैं. इस दिन महिलाएं 16 श्रृंगार करती हैं और चंद्रोदय होने के बाद चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत का पारण करती हैं. करवा चौथ के दिन माता करवा की पूजा की जाती है. इसके लिए माता करवा और माता गौरी को एक चौकी पर स्थापित की जाती है और कलश भी रखा जाता है. लेकिन करवा चौथ के दूसरे दिन ही कलशकिसी नदी या तालाब में विसर्जन किया जाता है और चौकी को हटाना पड़ता है. पूजा में कलश विसर्जन का खासा महत्व है. इसके लिए भी विधि का ध्यान रखना जरूरी होती है.

देवघर के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित आनंद किशोर मुद्गल ने लोकल 18 को बताया कि इस साल करवा चौथ का व्रत 1 नवंबर को रखा जाएगा. इस दिन बुधवार पड़ रहा है. इस साल करवा चौथ के दिन बेहद शुभ संयोग का भी निर्माण होने जा रहा और दिन भी शुभ है. इस दिन जो भी महिलाएं निर्जला व्रत रखकर माता करवा की पूजा आराधना करेंगी, साथ हीं चंद्रमा को अर्घ्य देगी. उन सुहागिन महिलाओं का वैवाहिक जीवन सुखमय रहेगा और पति दीर्घायु होंगे. वहीं पूजा समाप्ति के बाद जिस चौकी पर माता करवा और माता गौरी को स्थापित किया जाता है उसे विधि पूर्वक हटाएं ताकि आपका करवा चौथ का व्रत सफल हो सके.

ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि इस साल करवा चौथ 1 नवंबर दिन बुधवार को पड़ने जा रहा है और अगला दिन बृहस्पतिवार है. माना जाता है कि बृहस्पतिवार के दिन किसी भी माता की विदाई करना अशुभ होता है. इसलिए इस साल भूल कर भी चौकी को न हटाए और ना ही कलश विसर्जन करें. अगले दिन यानी शुक्रवार को कलश विसर्जित करें. इसके साथ ही पूजा में उपयोग किए गए सामान को लाल कपड़े में बांधकर अपने पास रख लें, अगले साल करवा चौथ के दिन ही इसे प्रवाहित करना चाहिए. जो भी श्रृंगार का सामान अर्पण किया जाता है फिर चाहे वह सिंदूर हो, बिंदी हो या कुछ और उसे हर रोज उपयोग करें ऐसा करने से माता करवा और माता गौरी का आशीर्वाद आप और आपके पति पर हमेशा बना रहेगा. वहीं उस चौकी को पूजा के स्थान पर सुरक्षित रख देना चाहिए. ऐसा करने से आपका व्रत सफल माना जाएगा.

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पूजा का शुभ मुहूर्त
इस साल कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि की शुरुआत 31 अक्टूबर (मंगलवार) की रात 10 बजकर 42 मिनट से होने जा रही है और समापन अगले दिन 1 नवंबर (बुधवार) की रात 9 बजकर 53 मिनट पर होगा. वहीं, उदयातिथि और चंद्रोदय को देखते हुए 1 नवंबर को करवा चौथ का व्रत रखा जाएगा. वहीं, पूजा करने का शुभ मुहूर्त शाम 5 बजकर 12 मिनट से रात 8 बजकर 43 मिनट तक.

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